जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा एनकाउंटर में मारे गए आतंकी मन्नान वानी की मौत के बाद पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और रियासत के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला में ट्विटर पर जंग छिड़ गई। शुक्रवार को गौतम गंभीर ने ट्वीट पर बीजेपी, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और कांग्रेस को टैग करते हुए लिखा कि आपको शर्म से सिर नीचे कर लेना चाहिए क्योंकि आपकी वजह से एक जवान व्यक्ति किताब से गोलियां चलाने पर मजबूर हुआ है। हमने एक आतंकी, एक कट्टर टैलेंट को मारा है।
Mannan Wani’s death: We killed a terrorist and lost a radicalised talent. @OmarAbdullah @MehboobaMufti @INCIndia @BJP4India all should bow their heads in embarrassment that they left a young man drift from books to embrace bullet.
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) 12 अक्तूबर 2018
गौतम गंभीर के ट्वीट के जवाब में उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि इस व्यक्ति को नक्शे पर मन्नान के घर का जिला भी नहीं पता होगा, मगर यह बात कर रहे हैं कि कैसे एक युवा कश्मीर में बंदूक उठा लेता है। गंभीर को कश्मीर के बारे में उतना ही पता है, जितना मुझे क्रिकेट के बारे में। मुझे क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता।
This man wouldn’t be able to find Manan’s home district on a map much less his village & yet he presumes to know what drives young men in Kashmir to pick up the gun. Mr Gambhir clearly knows less about Kashmir than I do about cricket & I know almost nothing. https://t.co/oZ8hc5VcgH
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 12, 2018
उसके बाद गौतम गंभीर ने उमर अब्दुल्ला को टैग करते हुए लिखा कि आप मैप के बारे में बात ही मत करो आपने तो कश्मीर को पाकिस्तान के नक्शे में जोड़ने में बहुत मेहनत की है। आप बताओ कि आपने और आपके साथी नेताओं ने कश्मीरी युवा के लिए किया ही क्या है?
Come on @OmarAbdullah you shouldn’t talk about maps, you are hell bent in changing the map of my country by talking Kashmir to Pakistan! Stroll out of that ivory tower and explain what u or ur fellow politicians have done to engage the Kashmiri youth @BJP4India @INCIndia
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) 12 अक्तूबर 2018
इस ट्वीट के बाद उमर अब्दुल्ला ने गौतम गंभीर को जवाब देते हुए लिखा- ‘हाल ही में मेरी पार्टी के दो साथियों कि आतंकियों ने हत्या कर दी थी। साल 1988 से अब तक पार्टी के 1000 से अधिक कार्यकर्ता मारे जा चुके हैं। मैं राष्ट्रवाद और बलिदान पर आपसे बहस नहीं करना चाहता जिसको इसका अर्थ ही न पता हो।’
It’s been less than a week since I had two of my colleagues killed by terrorists, my party has lost 1000s of workers, both senior & junior since 1988. I don’t need a lecture in nationalism & sacrifice from someone who wouldn’t know sacrifice if it kicked him. https://t.co/iM14SarX5j
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 12, 2018
गौतम गंभीर ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला जी आप अकेले नहीं है, आप जैसे अधिकांश राजनेता हैं, जिन्हें शीशा देखने की आदत नहीं है। यही कारण है कि आज देश में खून बह रहा है। राष्ट्रवाद और बलिदान को वास्तविक चरित्र के पुरुषों की आवश्यकता है, न कि आप जैसे दिखावटी लोगों की, जिनका दिखावटी प्रेम सोशल मीडिया के 280 शब्दों की लिमिट में सीमित है।