Hindenburg Research Report: हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने फिर उड़ाए होश! जानिये क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च, कौन हैं इसके मालिक?

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Hindenburg Research Report
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अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है जिसमें अडानी ग्रुप द्वारा बड़ी मात्रा में पैसा निवेश किया गया था। इस कंपनी ने कहा है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की हिस्सेदारी थी।

हिंडनबर्ग ने दावा किया है कि उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं, जिससे पता चलता है कि सेबी में नियुक्ति से कुछ हफ्ते पहले माधबी पुरी बुच के पति धवल बुच ने मॉरीशस के फंड एडमिनिस्ट्रेशन ट्रिडेंट ट्रस्ट को एक ई-मेल किया था, जिसमें ग्लोबल डायनेमिक ऑप्चर्यूनिटीज फंड में निवेश का जिक्र किया गया।

हिंडनबर्ग के दावे पर सेबी अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने एक ज्वाइंट स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि ‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है, हमारी जिंदगी और फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस खुली किताब की तरह हैं। ‘

हिंडनबर्ग रिसर्च क्या है?

हिंडनबर्ग रिसर्च एक अमेरिकी आधारित फोरेंसिक फाइनेंसियल रिसर्च फर्म है, जिसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन द्वारा की गई थी। यह फर्म विभिन्न कंपनियों की इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव का विश्लेषण करती है। इस दौरान किसी भी संभावित अनियमितताओं का पता चलने के बाद, हिंडनबर्ग आमतौर पर मामले की एक विस्तृत रिपोर्ट जारी करता है। इसका लक्ष्य कंपनी में वित्तीय अनियमितताओं का पता लगाना और उसकी शॉर्ट सेलिंग करना है।

कौन है हिंडनबर्ग रिसर्च के मालिक?

हिंडनबर्ग रिसर्च की स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की और उनको नेट एंडरसन के नाम से भी बुलाते हैं। नाथन एंडरसन इजराइल में एंबुलेंस ड्राइवर के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उनकी लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उन्हें 400 घंटे मेडिक का एक्सपीरियंस भी है।

कैसे करती है हिंडनबर्ग रिसर्च?

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट मुख्य तौर पर तीन चीजों पर आधारित होती है। पहला वह निवेश के डाटा का विश्लेषण करते हैं और दूसरा- इन्वेस्टिगेटिव रिसर्च करते हैं और तीसरा- सूत्रों से मिली गुप्त जानकारी को भी अपनी रिसर्च का आधार बनाते हैं। हिंडनबर्ग जब किसी कंपनी की जांच करती है तो वह कंपनी के अकाउंटिंग में अनियमितताएं, तैनात लोगों का बैकग्राउंड, लेनदेन और साथ ही गैरकानूनी व्यापार को भी खंगालती है।