Allahabad High Court ने गन्ना किसानों के बकाये ब्याज का भुगतान नहीं करने पर नाराजगी जताई है। और राज्य सरकार और गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी (Sanjay Bhoosreddy) को स्पष्ट शब्दों में चेतावनी दी है कि 17 जनवरी तक बकाया ब्याज का भुगतान कर दिया जाए, अन्यथा गन्ना आयुक्त न्यायालय के समक्ष हाजिर हों। यह आदेश न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन ने किसान मजदूर संगठन के संयोजक वीएम सिंह (VM Singh) की याचिका पर दिया है।
कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के ढाई साल बाद भी किसानों के बकाया ब्याज का भुगतान नहीं किया गया है। इससे स्पष्ट है कि यह जानबूझकर की जा रही अवमानना का मामला है। वीएम सिंह का कहना था कि राज्य सरकार किसानों का पैसा दबाकर बैठी है। वह भुगतान नहीं करना चाह रही है। जबकि खुद सरकार ने तय कर दिया है कि लाभ वाली चीनी मिलों को 12 प्रतिशत और घाटे वाली चीनी मिलों को सात प्रतिशत ब्याज देना है। इसके बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
मुआवजा रहा है बड़ा मुद्दा
गौरतलब है कि गन्ना किसानों के लिए मुआवजा का मुद्दा काफी चर्चाओं में रहा है। उत्तर प्रदेश के किसान लगातार मुआवजे के लिए आंदोलन करते रहे हैं। कई बार सरकार की तरफ से इसे लेकर कदम भी उठाए गए हैं लेकिन किसानों को इसका लाभ पूरी तरह से नहीं मिल पाया है।
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