बिहार में भारी बारिश, वज्रपात और आंधी-तूफान की चपेट में आकर 23 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक मृतकों की संख्या में अभी और वृद्धि होने की आशंका है। लगभग 8 जिलों में बारिश और तूफान से भारी क्षति की खबर है आंधी-बारिश के कहर से पटना,चम्पारण, जमुई, वैशाली समेत कई जिले प्रभावित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त सचिव अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि प्रदेश में वज्रपात और आंधी- तूफान की चपेट में आने से 23 लोगों की मौत हो गई है। इसमें से पांच लोगों की मौत दीवार गिरने के कारण हुई जबकि बाकी की मौत वज्रपात के कारण हुई है।
आपको बता दें कि आंधी-पानी का सबसे अधिक असर पश्चिमी व पूर्वी चम्पारण और जमुई जिले में हुआ है। यहां जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। पश्चिम चम्पारण में सुबह करीब नौ बजे आए आंधी-पानी से छह लोगों की जान चली गई। इसके अलावा ठनका गिरने के कारण पूर्वी चंपारण में 5, जमुई में 4, भागलपुर में तीन, दरभंगा में दो, मधेपुरा में दो, मुंगेर में दो, नवादा में एक और हाजीपुर में एक की मौत हो गई। इस आंधी तूफान में दर्जनों लोग जख्मी भी हुए हैं। तेज आंधी ने जहां सैंकड़ों घरों के छप्पर उड़ा दिए हैं वहीं जगह-जगह पेड़ उखड़ कर गिर गये थे।
इस आंधी तूफान से यातायात और बिजली आपूर्ति पूरी तरह से बाधित है जिससे लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। समस्तीपुर स्टेशन रोड व माधुरी चौक पर रेलवे क्वार्टरों पर कई पेड़ गिर गये। इससे तीन क्वार्टर क्षतिग्रस्त हो गये। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र की कई सड़कों और एनएच पर कई जगहों पर भी पेड़ गिर गये, जिससे यातायात घंटों बाधित हो गया। दोपहर में चली तेज रफ्तार हवाओं के कारण पटना जिले के अथमलगोला रेलवे स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक के पास पीपल का पेड़ ओवरहेड वायर पर गिर गया जिससे ट्रेनें जहां तहां रूकी रहीं। दोपहर डेढ़ बजे हुई घटना के बाद तीन घंटे तक डाउन लाइन से ट्रेनें नहीं गुजरीं। फिलहाल घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इससे पहले भी प्राकृतिक आपदा में कई लोग अपनी जान गँवा चुके हैं। हाल के दिनों में भागलपुर में वज्रपात से तीन बच्चों की मौत हो गई थी।