गुलशन कुमार हत्याकांड: रऊफ मर्चेंट को ताउम्र जेल में रहना होगा-बॉम्बे हाई कोर्ट, 16 गोलियों से किया था छल्ली

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कैसेट किंग नाम से मशहूर और 80 के दशक में टी सीरीज की नीव रखने वाले गुलशन कुमार हत्या कांड में आरोपी रऊफ मर्चेंट की सजा को कोर्ट ने बरकरार रखने का फैसला किया है। बॉम्बे हाई कोर्ट में गुलशन कुमार हत्या कांड को लेकर कुल चार याचिका दाखिल की गई थी जिसमें रऊफ मर्चेंट, राकेश चंचला पिन्नर और राकेश खाउकार को सजा देने की खिलाफत की थी। बता दें दि मर्चेंट ने गुलशन कुमार हत्याकांड में अहम भूमिका निभाई थी। अब कोर्ट ने उसकी सजा को कायम रखने का फैसला किया है।

वहीं आखिरी याचिका महाराष्ट्र सरकार ने दायर की थी। सरकार टिप्स के मालिक रमेश तैरानी को बरी करने के खिलाफत की थी। सरकार का कहना है कि रमेश ने हत्या के लिए उकसाया था। वहीं बॉम्बे हाई कोर्ट के अनुसार तैरानी के खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं मिला है।

बता दें कि गुलशन कुमार 12 अगस्त 1997 में जब मुंबई के जितेश्वर मंदिर से अपना कार्यक्रम समाप्त कर बाहर निकल रहे थे तो उसी दौरान बाइक सवार हमलावरों ने उन्हें गोलियों से छल्ली कर  दिया। गुलशन कुमार ने घटना स्थल पर दम तोड़ दिया। हमलावरों ने कुल 16 गोलियां मारी थी।

गुलशन कुमार हत्याकांड की बात करें तो, 80 के दशक में कैसेट किंग नाम से मशहूर गुलशन कुमार 90 के दशक में आते-आते बॉलीवुड का चमकता सितारा बन चुके थे। सबसे अधिक टैक्स पेयर, यहीं पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की नजर कुमार पर पड़ी। उसने 10 करोड़ रुपये की मांग की लेकिन गुलशन कुमार ने देने से इंकार कर दिया जिसके बाद उसने हत्या करा दी। खबरों की माने तो इसमें बॉलीवुड के भी लोग शामिल थे।

गुलशन कुमार अपने पिता के साथ शरबत की दुकान पर काम करते थे। यहीं से उन्हें उद्योग का आइडिया आया। मंदिरों में  गाना गाते हुए उन्होंने बॉलीवुड का सफर तय किया। वक्त के साथ टी सीरीज की नीव रखी। कहते हैं कि गुलशन अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा दान करते थे।

महज 41 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह चुके गुलशन कुमार ने अपनी कंपनी टी सीरीज को 10 वर्ष के भीतर 350 मिलियन तक पहुंचाया था। हजारों सिंगरों को नई पहचान मुहैया कराई थी। उनकी हत्या को 24 साल बीत चुके हैं।

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