Gujarat और Maharashtra सरकार को Supreme Court की तरफ से फटकार लगी है। कोरोना से मरे लोगों के परिजनों के मुआवजा देने में हो रहे विलंब को लेकर अदालत ने राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए एक सप्ताह में भगुतान करने का आदेश दिया है।
जस्टिस एम आर शाह ने महाराष्ट्र सरकार को एक हफ्ते के भीतर मुआवजे के लिए लंबित सभी आवेदन का भुगतान करने का निर्देश दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि मुआवजा देने की योजना का प्रचार भी व्यापक स्तर पर किया जाए। जब तक व्यापक प्रचार नहीं किया जाएगा, जब तक आम आदमी और गांवों में रहने वालों को इसकी जानकारी नही होगी और लोग ऑनलाइन आवेदन नही कर पाएंगे।
87 हजार आवेदन में महज 7 हजार का हुआ चयन
मामले की सुनवाई के दौरान महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि मुआवजे के लिए 87 हज़ार आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें से 8 हज़ार आवेदन स्वीकार हो चुके है और उनको मुआवजा देने की प्रक्रिया जारी है। जस्टिस शाह ने पूछा कि 87 हजार में से महज 8 हजार का ही चयन मुआवजा देने के लिए किया ? वही महाराष्ट्र सरकार ने आश्वसन देते हुए कहा कि 30 दिसंबर तक हम 50 हज़ार पीड़ितों को मुआवजा दे देंगे।
कोर्ट ने महराष्ट्र सरकार के दिसम्बर के अंत तक मुआवजा देने के आश्वासन को दरकिनार करते हुए कहा कि एक हफ्ते में मुआवजा देने का निर्देश दिया। वही कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान गुजरात सरकार को
भी मुआवजा योजना और आवेदन प्रक्रिया के बारे में प्रचार करने के कोताही बरतने के लिए फटकार लगाई।
अदालत ने पूछा ऑल इंडिया रेडियो कौन सुनता है?
मामले में गुजरात सरकार के वकील ने कहा कि हमने ऑल इंडिया रेडियो पर प्रचार के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा कि आजकल ऑल इंडिया रेडियो कौन सुनता है? इस पर गुजरात ने कहा कि हमने लोकल रेडियो के जरिए भी प्रचार कर रहे है। फिर कोर्ट ने पूछा स्थानीय अखबारों में विज्ञापन क्यों नहीं? आप आम आदमी को कैसे बताएंगे?
कोर्ट ने गुजरात सरकार से कहा की अगली सुनवाई तक आप सभी समाचार पत्रों में मुआवजा देने की सभी जानकारी के साथ उचित विज्ञापन दें। साथ ही यह भी कहा कि इसे दूरदर्शन और स्थानीय चैनलों के जरिये भी लोगो को बताएं।
गुजरात ने कोर्ट के निर्देशों को पूरा कर लेने दिया आश्वासन
गुजरात सरकार की तरफ से दिए गए हलफनामे के मुताबिक सरकार को अब तक 34,678 पीड़ित परिवारों द्वारा मुआवजे के लिए आवेदन किया गया है। जिनमे से 19,964 लोगों को मुआवजा वितरित किया जा चुका है। इसके अलावा गुजरात सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार गांव, शहर,कस्बों तक इसका प्रचार कर रही है ताकि सुदूर गांवों में रहने वाले लोग भी मुआवजे के लिए आवेदन देकर लाभ उठा सके।
आज इस मामले पर गुजरात और महाराष्ट्र ने अपना हलफनामा दाखिल कर दिया था। कोर्ट ने बाकी राज्यों को भी मुआवजे पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है। कोर्ट अब मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को दोपहर साढ़े 3 बजे करेंगा।
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