भारतीय वायुसेना की ताकत में दिनों-दिन इजाफा होते जा रहा है। इस बार वायूसेना में एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम नेत्र को वायूसेना में शामिल किया गया है। नेत्र की क्षमता अविश्वसनीय है। नेत्र दुशमन के मिशाइलों को आकाश, समुद्र और जमीन पर 200 किमी के दायरे में ढूंढ निकाने में सक्षम है। इसे ब्राजीली विमान एम्ब्रेयर 145 में लगाया गया है। इसके बाद बहुत जल्द नेत्र की एक और नई प्रणाली को वायूसेना में शामिल जाएगा।
गौरतलब है कि बेंगलुरू में पांच दिन का एयरो इंडिया-2017 एयर शो का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। इसी मौके पर अपने देश में विकसित किया गया एयरबोर्न अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम नेत्र को वायूसेना में शामिल किया गया। भारत में निर्मित वायूसेना के इस भयानक हथियार को बनाने में महिला वैज्ञानिकों की भूमिका काफी अहम रही है। प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिक जे. मंजूला के नेतृत्व में डीआरडीओ की प्रयोगशाला में नेत्र सिस्टम का विकास किया गया। इस हथियार को सफल बनाने के लिए पिछले करीब एक दशक से ज्यादा समय तक महिला वैज्ञानिकों ने इसपर मेहनत की। महिलाओं के इस कड़ी मेहनत के सफल होने पर वायूसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने महिला वैज्ञानिकों की जमकर तारीफ की और कहा महिलाओं में काफी क्षमता है और वो ऐसे कई उपकरणों का निर्माण करने में सक्षम हैं।
इस एयर शो में नेत्र के अलावा मल्टीरोल हेलीकॉप्टर का भी अनावरण किया गया। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के भारतीय मल्टीरोल हेलीकॉप्टर के मॉडल का अनावरण किया।
मल्टीरोल हेलीकॉप्टर की खासियत:
- यह हेलीकॉप्टर 24 सीटों का है
- यह करीब 20,000 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ सकेगा
- 3,500 कि.ग्रा. वजन उठाने में सक्षम
- जंग के दौरान घायलों को निकालने, खोज, बचाव और एयर एंबुलेंस के काम में सक्षम
- यह दो इंजनों और ऑटोमैटिक फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम से लैस
इनके अलावा भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड निर्मित एमबीटी अर्जुन एमके 2 के नए हथियार नियंत्रण प्रणाली का भी अनावरण किया गया। रक्षा क्षेत्र का सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉक्सि लिमिटेड और रूसी रक्षा कंपनी रोसोबोरोन एक्सपोर्ट ने कामोव 226टी हेलीकॉप्टर के निर्माण के लिए संयुक्त उपक्रम के समझौते को अंतिम रूप दिया गया है। आपको बता दें कि प्रधानंत्री मोदी ने रूस यात्रा को दौरान दोनों देशों की सरकारों ने इस संबंध में समझौते किए थे।