एक बार फिर प्रशासन और बिल्डरों की लापरवाही सामने आई है। बनारस हादसे को अभी ज्यादा दिन भी नहीं बीते कि अब ग्रेटर नोएडा में लापरवाही का एक ऐसा मंजर देखने को मिला जिसमें कई जानें चली गईँ। ग्रेटर नोएडा के बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी में एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत और उससे सटा एक अन्य भवन धराशायी हो गया। इन भवनों के मलबे में करीब 40 लोगों के दबे होने की आशंका है। घटनास्थल पर रहने वाले दो व्यक्तियों ने यह आशंका जताई है। पुलिस में तीन लोगों को गिरफ्तार कर, 18 लोगों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। मेरठ जोन के पुलिस महानिरीक्षक राम कुमार ने बताया कि बिसरख थाना क्षेत्र के शाहबेरी गांव में बीती रात एक निर्माणाधीन इमारत गिर गई। उसकी चपेट में आकर पास की एक अन्य इमारत भी ढह गई।
अवैध निर्माण के गोरखधंधे में सरकारी अमला सवालों के घेरे में आ गया है। अथॉरिटी, बैंक, पुलिस से लेकर यूपी पावर कॉर्पोरेशन तक की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। हैरत की बात है कि बिल्डरों के अवैध निर्माण की सूचना दिए जाने के बाद भी प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। बता दें कि मिंटू और शिखा डेका ज़मींदोज़ हुईं दोनों इमारतों के ठीक सामने रहते हैं. मिंटू और शिखा ने ही सबसे पहले 100 नंबर पर फ़ोन करके पुलिस को घटना की जानकारी दी. इसके करीब 45 मिनट बाद उन्होंने पुलिस को रास्ता समझाकर मौके पर पहुंचाया।
गौतम बुद्ध नगर के डीएम बृजेश नारायण सिंह ने मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए हैं। सिंह ने बताया कि इस मामले की अपर जिलाधिकारी कुमार विनीत सिंह के नेतृत्व में मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी गई है।