विजय माल्या अपनी आलीशान ज़िंदगी के लिए मशहूर है। दुनिया भर में ‘किंग ऑफ गुड टाइम’ के नाम से मशहूर माल्या का समय खराब चल रहा है। माल्या के समय अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके ऊपर 17 बैंकों का कर्ज है। माल्या को कई बैंकों ने डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। विजय माल्या को डिआजियो की ओर से मिलने वाली तकरीबन 515 करोड़ रुपये की रकम को भी फ्रीज कर दिया है।
राज्यसभा सांसद रहे माल्या ने उनके खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद ही राज्य सभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। विदेश मंत्रालय उनका पासपोर्ट पहले ही निरस्त कर चुका है।
सरकार ने माल्या एक और बड़ा दे दिया है। विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए केंद्र सरकार ने अहम कदम उठाया है। भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने माल्या के प्रत्यर्पण की अर्जी यूके हाई कमिशन को सौंपा दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप का कहना है कि मंत्रालय ने गंभीर आरोपों के तहत इंग्लैंड सरकार से माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की है। इस अनुरोध को आगे बढ़ाना ब्रिटेन का काम है। उन्होंने कहा कि यह प्रत्यर्पण का वाजिब केस है। विकास स्वरूप के मुताबिक अब विजय माल्या को भारत भेजने पर इंग्लैंड सरकार को फैसला लेना है। इस अनुरोध का सम्मान होता है तो हमारी चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता दिखाएगा।
आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी के प्रत्यर्पण की अर्जी अभी बाकी है। पिछले महीने सीबीआई कोर्ट ने माल्या के खिलाफ आईडीबीआई बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में गैरज़मानती वॉरंट जारी किया था। माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया है।