विधानसभा चुनावों के परिणामों के बाद से ही ईवीएम और बैलेट पेपर को लेकर राजनीतिक दलों और चुनाव आयोग के बीच घमासान चल रहा है। विपक्षी दल लगातार ईवीएम की वैधता पर सवाल उठा रहे हैं। ईवीएम बनाम बैलेट पेपर की बहस के बीच देश के मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने सरकार से मांग की है कि मौजूदा माहौल को देखते हुए पेपर ट्रेल मशीनों के लिए फंड जल्द जारी किया जाए। नसीम जैदी ने कहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव पेपर ट्रेल मशीनों के माध्यम से होने हैं ऐसे में इसकी तैयारी और निर्माण के लिए सरकार जल्द से जल्द फंड दे।

जैदी ने आग्रह किया है कि मौजूदा माहौल में वो जल्द से जल्द फंड जारी कर दें ताकि 2019  के लोकसभा चुनावों में ईवीएम मशीन के साथ पेपर ट्रेल मशीनें जोड़ी जा सकें। जैदी ने देश के कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को पत्र लिख कर कहा है कि सरकार को पहले ही सूचित किया जा चुका है कि वीवीपीएट की सप्लाई के लिए ऑर्डर फरवरी 2017 तक नहीं दिया गया तो सितंबर, 2018 तक इन मशीनों की सप्लाई मुश्किल हो जाएगी। अगर 2019 का लोकसभा चुनाव वीवीपीएट से कराना है, तो चुनाव आयोग को सभी मतदान केद्रों को कवर करने के लिए 16 लाख से अधिक पेपर ट्रेल मशीनों की जरूरत होगी। इस पर 3,175 करोड़ रुपए के खर्च का अनुमान है।

उन्होंने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मामले की सुनवाई करते हुए चुनाव आयोग को वो डेडलाइन बताने के लिए कहा है, जब वो पेपर ट्रेल प्रणाली यानी वीवीपीएट पूरी तरह से अमल में ला सकेगा।

गौरतलब है कि वीवीपीएट एक ऐसी प्रणाली है जिसके लागू होने के बाद मतदाता को वोटिंग करने के बाद मशीन से एक पर्ची प्राप्त होगी जिससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि उसके द्वारा किया गया वोट पड़ा या नहीं। बता दें कि हाल ही में 16 राजनैतिक दलों ने पारदर्शिता लाने के लिए बैलेट पेपर के जरिए चुनाव करवाने की मांग की थी।

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