
Global Hunger Index 2022: ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग चिंता का विषय है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022 में भारत की रैंक पिछले साल से भी नीचे चली गई है। 121 देशों की सूची में भारत को 107वां स्थान प्राप्त हुआ है। भारत, युद्धग्रस्त अफगानिस्तान को छोड़कर दक्षिण एशिया के लगभग सभी देशों से पीछे है।
ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग अफगानिस्तान के बाद साउथ एशिया रीजन में सबसे खराब है। इसे लेकर अब विपक्षी दलों के नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री बच्चों में कुपोषण, भूख और स्टंटिंग जैसे वास्तविक मुद्दों को लेकर कब संबोधित करेंगे?

पी चिदंबरम ने कहा कि भारत में 22.4 करोड़ लोग कुपोषित हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत 121 देशों की लिस्ट में 107वें स्थान पर है। उन्होंने कहा कि 19.3 फीसदी बच्चे वेस्टेड हैं और 35.5 फीसदी बच्चे स्टंटेड हैं। पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि हिंदुत्व और हिंदी को थोपना, नफरत फैलाना भूख की दवा नहीं है।
Global Hunger Index 2022: पड़ोसी देशों के मुकाबले भारत?
पड़ोसी देशों की बात करें तो लगभग सभी देश भारत से बेहतर हैं। श्रीलंका को 64वां रैंक मिला है, नेपाल को 81वां और पाकिस्तान को 99वां स्थान मिला है। अफगानिस्तान (109 रैंक) दक्षिण एशिया का एकमात्र देश है, जिसकी स्थिति भारत से भी बदतर है। वहीं चीन सामूहिक रूप से 1 और 17 के बीच रैंक वाले देशों में से है, जिसका स्कोर पांच से कम है।
बता दें कि ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर भूख को व्यापक रूप से मापने और ट्रैक करने का एक उपकरण है। जीएचआई स्कोर की गणना 100 अंकों के पैमाने पर की जाती है जो भूख की गंभीरता को दर्शाता है, जहां शून्य सबसे अच्छा स्कोर है और 100 सबसे खराब। भारत का 29.1 का स्कोर इसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखता है।
Global Hunger Index 2022: वैश्विक GHI रिपोर्ट

वैश्विक GHI रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर हाल के वर्षों में भूख के खिलाफ प्रगति काफी हद तक रुकी हुई है। दुनिया के लिए 2022 का GHI स्कोर “मध्यम” माना जाता है, लेकिन 2022 में 18.2 और 2014 में 19.1 से थोड़ा ही सुधार है। यह संघर्ष, जलवायु परिवर्तन, COVID-19 महामारी के आर्थिक नतीजों जैसे संकटों के कारण है। साथ ही यूक्रेन युद्ध, जिसने वैश्विक खाद्य, ईंधन और उर्वरक की कीमतों में वृद्धि की है और उम्मीद है कि 2023 और उसके बाद भी भूख बढ़ेगी।
Global Hunger Index 2022: भारत में कुपोषितों की संख्या?
देश में 2018-2020 में कुपोषित लोगों की संख्या 14.6 प्रतिशत थी जो कि 2019-2021 में बढ़कर 16.3 प्रतिशत हो गई है। जिससे भारत में 224.3 मिलियन लोगों को कुपोषित माना गया है। वहीं, विश्व स्तर पर कुपोषित लोगों की कुल संख्या 838 मिलियन है।
Global Hunger Index 2022: बाल मृत्यु दर में आई कमी
हालांकि, भारत ने अन्य दो संकेतकों में सुधार दिखाया है। 2014 और 2022 के बीच बाल स्टंटिंग 38.7% से घटकर 35.5% हो गया है और इसी तुलनात्मक अवधि में बाल मृत्यु दर भी 4.6% से गिरकर 3.3% हो गई है।
यह भी पढ़ें:
Global Hunger Index 2021: नेपाल और पाकिस्तान से भी पिछड़ा भारत, जानें क्या होता है हंगर इंडेक्स