जर्मनी के हैम्बर्ग में चल रहे जी-20 सम्मेलन में सभी नेता आतंकवाद को लेकर एक बार फिर हुंकार भरते हुए नजर आए। समिट के अंत में जी-20 नेताओं ने संयुक्त बयान जारी किया। इसमें सभी नेताओं ने दुनिया भर में किसी भी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की। इसमें सम्मलित नेताओं ने आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए संयुक्त प्रयास करने और उसे वित्तीय मदद देने वालों पर नकेल कसने का संकल्प लेते हुए कहा कि दुनिया के हर हिस्से से आतंकियों के सभी पनाहगाह नष्ट की जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने विश्व नेताओं के सामने आतंकवाद को खत्म करने का 10 सूत्रीय प्लान पेश किया-
यह है वो दस सूत्रीय प्लान:
- आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ कार्रवाई अनिवार्य है। ऐसे देशों के अधिकारियों का जी-20 सम्मेलन में प्रवेश पर प्रतिबंध जरूरी।
- संदिग्ध आतंकवादियों की राष्ट्रीय सूची का जी-20 देशों के बीच आदान-प्रदान और नामांकित आतंकवादियों और उनके समर्थकों के खिलाफ साझी कार्रवाई अनिवार्य
- आतंकवादियों से संबंधित प्रभावकारी सहयोग के लिए कानूनी प्रक्रिया जैसे कि प्रत्यर्पण को सरल बनाना और ज्यादा तेज करना ।
- अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अपनाया जाना।
- यूनाइटेड नेशन सिक्यॉरिटी काउंसिल रेजॉल्यूशन तथा अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना।
- डी रेडिकलाइजेशन के खिलाफ कार्यक्रमों पर जी-20 द्वारा साझा प्रयास और सबसे अच्छी प्रयासों का लेन-देन।
- एफएटीएफ (फाइनैशल ऐक्शन टास्क फोर्स) तथा अन्य प्रक्रियाओं द्वारा आतंकियों को फंडिंग करने वाले सोर्स और माध्यमों पर प्रभावशाली प्रतिबंध।
- एफएटीएफ की तरह ही हथियारों पर रोक के लिए वेपंज ऐंड एक्प्लोसिव ऐक्शन टास्क फोर्स (WEATF) का गठन, ताकि आतंकवादियों तक पहुंचने वाले हथियारों के स्रोतों को बंद किया जा सके।
- जी-20 देशों के बीच आतंकवादी गतिविधियों पर केंद्रित साइबर सिक्यॉरिटी क्षेत्र में ठोस सहयोग।
- जी-20 में नैशनल सिक्यॉरिटी अडवाइजर ऑन काउंटर टेररिज्म के एक तंत्र का गठन।
मोदी ने कहा कि मध्य पूर्व में दाएश, अलकायदा, दक्षिण एशिया में लश्कर-ए- तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और नाइजीरिया में बोको हरम आज के वक्त में आतंकवाद के कुछ नाम हैं। लेकिन इन सब की मूलभूत विचारधारा केवल नफरत और नरसंहार है। यह साइबर स्पेस का उपयोग युवा पीढ़ी को भ्रमित कर अपने संगठनों में भर्ती के लिए कर रहे हैं।
इतना ही नहीं मोदी ने आतंकवाद को सबसे बड़ी चुनौती करार देते हुए जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल की तारीफ की। मोदी के अलावा जी-20 समिट के अन्य नेताओं ने कहा, ‘आतंकवाद के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल न हो, इसके लिए सभी देश प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम करेंगे।’ इसके अलावा सभी देशों में आतंकवाद को लेकर जानकारी साझा करने पर भी सहमति बनी। इन नेताओं ने कहा कि आतंक का खात्मा तभी संभव है, जब उन्हें पूरी दुनिया में कहीं भी सुरक्षित स्थान और मदद के लिए पैसा न मिले।