तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और डीएमके अध्यक्ष एम करुणानिधि का मंगलवार शाम निधन हो गया। करुणानिधि ने चेन्नई के कावेरी अस्पताल में आखिरी सांस ली। करुणानिधि का बुधवार शाम को मरीना बीच पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के नेताओं ने दुख जाहिर किया है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने करुणानिधि के निधन पर कहा, ”एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ। “कलैनार” के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है। उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूँ।’
My thoughts are with the family and the countless supporters of Karunanidhi Ji in this hour of grief. India and particularly Tamil Nadu will miss him immensely. May his soul rest in peace. pic.twitter.com/7ZZQi9VEkm
— Narendra Modi (@narendramodi) August 7, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करुणानिधि के निधन पर ट्वीट कर दुख जताते हुए कहा कि करुणानिधि के निधन से गहरा दुख हुआ, कहा-देश हमेशा याद रखेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने चेन्नई जाएंगे
बता दें एम करुणानिधि पिछले 11 दिन से अस्पताल में भर्ती थे। 94 साल के करुणानिधि को यूरिन इंफेक्शन और लो ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद 27 जुलाई को चेन्नई के कावेरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोपहर को जारी किए गए मेडिकल बुलेटिन में डॉक्टरों ने उनकी तबीयत को नाजुक बताया था। इसके बाद से ही अस्पताल और करुणानिधि के घर के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। करुणानिधि के निधन के बाद राज्य में तमिल सिनेमा से जुड़े सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए।
#DeshkiBaaT : तमिलनाडू के पूर्व सीएम एम करुणानिधि का 94 साल की उम्र में निधन,पीएम मोदी ने करुणानिधि के निधन पर जताया दुख, कहा-देश हमेशा याद रखेगा pic.twitter.com/nUIioF6O10
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) August 7, 2018
94 साल के करुणानिधि अपने 60 साल के राजनीतिक करियर में पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे। वो पहली बार साल 1957 में तमिलनाडु विधानसभा के लिए चुने गए। और 1969 में तत्कालीन डीएमके अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अन्नादुरई की मौत के बाद मुख्यमंत्री बने थे। अपने पूरे राजनीतिक जीवन में उन्होंने अपनी भागीदारी वाले हर चुनाव में अपनी सीट जीतने का रिकॉर्ड बनाया। ऐसा करने वाले वो देश के इकलौते नेता थे। अक्टूबर 2017 में आखिरी बार सार्वजनिक तौर पर नजर आए थे।
करुणानिधि के अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद से ही हजारों की संख्यान में डीएमके के कार्यकर्ता अपने प्रिय नेता के लिए दुआओं में जुटे हुए थे। उन्हेंह उम्मीखद थे कि कलाईनार मौत को मात देकर एक बार फिर उनके बीच होंगे। लेकिन, उनके निधन की खबर सुनते ही हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई।
ब्यूरो रिपोर्टस, एपीएन