गोमती रिवर फ्रंट घोटाला मामले में गोमतीनगर थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गयी है। सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता लखनऊ खंड के अधिकारी ने 8 घोटालेबाजों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। मुक़दमे के लिए तहरीर के साथ 74 पन्नों की जांच रिपोर्ट भी पुलिस को सौंपी गई है। सभी अधिकारियों पर आईपीसी की धारा 420 जालसाज़ी, 409 लोक सेवा द्वारा वित्तीय अनियमितता और 7/13 भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज हुआ है।

Gomti River Front scam caseएफआईआर में सिंचाई विभाग के 8 घोटालेबाज अफसरों के नाम शामिल कर सीबीआई जांच के लिए सरकार ने पहला कदम बढ़ा दिया है। गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के घोटाले की जाँच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज अलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति की जांच में सिंचाई विभाग के अधिकारी दोषी पाए गए थे।

इन घोटालेबाज़ अफसरों के खिलाफ दर्ज हुई है एफआईआर 

गुलेश चंद, मुख्य अभियंता एस एन शर्मा, तत्कालीन मुख्य अभियंता काज़िम अली, मुख्य अभियंता शिव मंगल यादव,अधीक्षण अभियंता संप्रतिसेवा निवृत्त अखिल रमन, अधीक्षण अभियंता कमलेश्वर सिंह तत्कालीन अधीक्षण अभियन्ता रूप सिंह यादव, अधिशासी अभियंता सुरेंद्र यादव,अधिशासी अभियंता। इन सभी लोगो के खिलाफ अधिशासी अभियंता शरद खण्ड ने एफआईआर दर्ज कराई है।

एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। तहरीर के साथ मिली रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों और विधिक सलाहकारों से सुझाव लिया जाएगा। इसके आधार पर आरोपितों के खिलाफ अन्य धाराओं की बढ़ोतरी की संभावना है। हालांकि इस एफआईआर में कई बड़े अधिकारियों और इस परियोजना को डिजाइन करने वाले आर्किटेक्ट का नाम शामिल नहीं है।