जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर निवेदिता मेनन के खिलाफ राजस्थान की जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। मेनन पर आरोप है कि उन्होंने एक सेमिनार के दौरान ‘‘देश विरोधी’’ टिप्पणी की। जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में दो दिन पूर्व एक सेमिनार में निवेदिता मेनन ने जम्मू-कश्मीर और जवानों के मुद्दों पर विवादिच बयान दिया था। जेएनयू में राजनीति-विज्ञान की प्रोफेसर मेनन को जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग ने एक सेमिनार में आमंत्रित किया था। जोधपुर स्थित यूनिवर्सिटी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए है।
जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी के कुलपति आर पी सिंह ने बताया कि मेनन ने राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का अनादार किया है। मेनन ने कहा कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है और भारत को इसपर अपना हक नहीं जताना चाहिए। कुलपति आर पी सिंह के मुताबिक प्रोफेसर ने जवानों के लिए भी विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि जवान देश के लिए नहीं बल्कि अपनी आजीविका चलाने के लिए काम करते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत के दौरान प्रोफेसर मेनन ने इन आरोपो को गलत बताया है, उन्होंने कहा कि मैंने कश्मीर के बारे में कुछ नहीं बोला था। जवानों वाले बयान में मेनन ने बताया कि मैंने ऐसा कहा था कि आर्मी भी जीविका चलाने का एक साधन है और अगर हम जवानों से प्यार करते हैं तो उनके साथ गलत व्यवहार क्यों करते है?
जेएनयू प्रोफेसर निवेदिता के विवादित बयान:-
- भारत ने जम्मू-कश्मीर पर जबरन अधिकार कर रखा है।
- मैं भारत माता को नहीं मानती।
- उन्होंने कहा भारत माता की हाथ में जो झंडा है वो तिरंगा नहीं, भगवा रंग का है जोकि आरएसएस की देन है।
- सीमा पर सैनिक देश सेवा के लिए नहीं बल्कि अपनी रोजी-रोटी के लिए नौकरी करता है।
सारांश– जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी में दो दिन पूर्व एक सेमिनार में निवेदिता मेनन ने जम्मु–कश्मीर और जवानों के मुद्दों पर विवादिच बयान दिया था। जिसके बाद उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करायी गई है।
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