लंबी जद्दोजहद और सियासी उठापटक के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड ने आखिरकार सत्तासीन एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलाएंस) का दामन थाम लिया।  जनता दल यूनाइटेड चार सालो बाद एऩडीए में वापसी करेगी।  शनिवार को जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बीजेपी नेतृत्व वाली एनडीए में शामिल होने का प्रस्ताव पारित कर दिया। इससे पहले जेडीयू 17 सालों तक एनडीए का हिस्सा रही थी लेकिन 2014 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद गठबंधन टूट गया था। हाल में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नीतीश कुमार से मुलाकात की थी जिसमें उन्होंने जेडीयू को एनडीए में शामिल होने का आमंत्रण दिया था। गौरतलब है कि बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है।

अब जब जनता दल यूनाइटेड ,  एनडीए में शामिल हो गई है तो ये अटकलें भी लगनी शुरु हो गई हैं कि जनता दल यूनाइटेड सरकार में भी शामिल होगी । हमारे सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्दी ही अपना मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे। इसमें जेडीयू के हिस्से भी दो मंत्रालय आ सकते हैं। मोदी कैबिनेट में कई मंत्रालयों के पास पूर्ण कालिक मंत्री नहीं है। ऐसे में मंत्रिमंडल विस्तार होगा और उसमें जेडीयू के खाते में दो मंत्री बन सकते हैं।

जनता दल यूनाइटेड  की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बगावती तेवर अपनाने वाले शरद यादव ने हिस्‍सा नहीं लिया। नीतीश के आवास पर आयोजित राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान शरद यादव और लालू प्रसाद यादव के समर्थकों को बाहर विरोध में नारेबाजी करते देखा गया। नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ हाथ मिलाने और महागठबंधन को तोड़ने के फैसले के खिलाफ शरद यादव ने बगावत का बिगुल बजा दिया है।

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