Farmers Protest: आज फिर से दिल्ली कूच को चले किसान, जानें विरोध की वजह और मांगें

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Farmers Protest: किसान एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं। लंबे समय से लंबित मुद्दों और वादों को लेकर नाराज किसान संगठनों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विभिन्न जिलों से किसान दिल्ली पहुंच रहे हैं, और सरकार पर अपने वादों को पूरा करने का दबाव डाल रहे हैं।

बता दें बीते दिन यानी 1 दिसंबर (रविवार) को किसानों और प्रशासन के बीच हाईलेवल मीटिंग हुई थी। मीटिंग के बाद किसानों का कहना है कि अधिकारियों से उन्हें कुछ ठोस आश्वासन नहीं दिया है। जिसके बाद किसान संगठनों ने दिल्ली की ओर कूच कर दिया। राजधानी दिल्ली जाने वाले रास्तों पर अब भारी जाम लग गया है। दिल्ली-नोएडा और चिल्ला बॉर्डर पर किसानों दिल्ली में प्रवेश करने से रोकने के लिए भारी पुलिस बल वहां मौजूद है।

क्यों कर रहे हैं किसान विरोध?

  • MSP की कानूनी गारंटी: किसानों की मुख्य मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी दर्जा दिया जाए।
  • आंदोलन करने वाले किसान संगठन जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसानों को 10 फीसदी विकसित प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के लाभ देने की मांग उठा रहे हैं।
  • पुराने अधिग्रहण कानून के तहत 10 प्रतिशत भूखंडों का आवंटन और 64.7 फीसद बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
  •  भूमिधर, भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्विकास के लाभ दिए जाएं।
  • हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू की जाएं।
  • आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए। बता दें कि ये सभी निर्णय शासन स्तर पर लिए जाने हैं।
  •  किसानों को रोजगार एवं पुनर्वास का लाभ दिया जाए।
  • बिजली बिल 2023: किसानों को नए बिजली कानून के प्रावधानों पर आपत्ति है। उनका कहना है कि इससे कृषि क्षेत्र में बिजली महंगी हो जाएगी।
  • पराली जलाने पर जुर्माना खत्म हो: किसानों का कहना है कि पराली जलाने के जुर्माने को हटाया जाए और उनके लिए बेहतर समाधान उपलब्ध कराया जाए।
  • कृषि बीमा योजना: किसान फसल बीमा योजना में पारदर्शिता और उसका विस्तार चाहते हैं, ताकि नुकसान की भरपाई समय पर हो सके।

बता दें कि बीते हफ्ते 27 नवंबर को किसानों ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी पर धरना प्रदर्शन किया था, इसके बाद 28 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक किसानों ने यमुना अथॉरिटी पर धरना दिया था। अब खबर है कि कई किसान समूह भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) समेत अन्य मांगों मांगों को लेकर 6 दिसंबर 2024 से मार्च आयोजित करने जा रहे हैं।

मालूम हो कि 2020-21 में किसान आंदोलन के दौरान तीन कृषि कानूनों को वापस लिया गया था। सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और अन्य मांगों पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने का वादा किया था। लेकिन किसानों का आरोप है कि वादे अब तक पूरे नहीं किए गए हैं।

दिल्ली और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पुलिस ने दिल्ली की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेड्स लगाए हैं। प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को बड़ा रूप दिया जाएगा।

किसान आंदोलन पर सरकार की प्रतिक्रिया

केंद्र सरकार की ओर से फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार किसानों से फिर बातचीत के प्रयास कर सकती है।

आगे क्या होगा?

किसानों के इस प्रदर्शन ने सरकार के लिए एक बार फिर चुनौती खड़ी कर दी है। यदि बातचीत नहीं होती है, तो आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। दिल्ली का घेराव और लंबे प्रदर्शन की संभावना भी जताई जा रही है।