आपको जानकर हैरानी होगी कि कोरोना (Corona) से ठीक होने के बाद भी एक साल तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। चीन के नेशनल सेंटर फॉर रेस्पिरेट्री मेडिसिन (National Center for Respiratory Medicine) की रिसर्च के अनुसार, कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग आधे मरीजों में 12 महीने बाद भी कम से कम एक लक्षण बना हुआ है। ज्यादातर मरीजों में थकान या मांसपेशियों में कमजोरी के लक्षण पाए गए है।
एक साल बाद भी गंभीर असर
कोविड (Covid) से ठीक होने के बाद भी कई लोगों में कई सारे लक्षण उत्पन्न हो रहें है। जैसे सुस्ती और थकान से लेकर ध्यान भटकने या सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती हैं। लॉन्ग कोविड के रूप में पहचानी जाने वाली स्थिति पर अब तक की सबसे बड़ी रिसर्च में कहा गया है। कि रिकवरी (Recovery) के एक साल बाद भी तीन रोगियों में से एक को सांस की तकलीफ है।
सांस लेने में होती है तकलीफ
रिसर्च में पता चला है कि छह महीने के बाद 26% रोगियों में सांस लेने में तकलीफ 12 महीने के बाद बढ़कर 30% हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक, पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में 1.4 गुना ज्यादा थकान और मांसपेशियों में कमजोरी के मामले सामने आए। संक्रमण के 12 महीने बाद इनके फेफड़ों के बीमार होने का खतरा ज्यादा रहता है। कोरोना के जिन मरीजों को इलाज के दौरान स्टेरॉयड दिया गया था उनमें 1.5 गुना तक थकान और मांसपेशियों में कमजोरी ज्यादा देखी गई।
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