राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो 12 मार्च तक चलेगी। अप्रैल और मई महीने में खाली हो रहीं राज्यसभा की 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होने वाले हैं। बीजेपी के पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मध्य प्रदेश और स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को हिमाचल प्रदेश से उच्च सदन भेजने की तैयारी की जा रही है जबकि केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को मध्य प्रदेश से तो गुजरात से पुरूषोतम रूपाला को राज्यसभा भेजा जाएगा। वही कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद बिहार और भूपेन्द्र यादव को राजस्थान से उच्च सदन भेजा जाएगा।
बताया जा रहा है कि पार्टी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा भेजने का फैसला किया है। वही दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के टिकट से जया बच्चन का चौथी बार राज्यसभा जाना करीब-करीब तय हो गया है। खबरों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जया बच्चन को एक बार फिर राज्यसभा भेज सकते हैं। हालांकि, जया बच्चन की एंट्री पार्टी के बड़बोले नेता नरेश अग्रवाल और किरणमय नंदा की कीमत पर होगी,जो अब राज्यसभा की दौड़ से बाहर बताए जा रहे हैं। यूपी में सपा के पास महज 47 विधायक हैं और ऐसे में वो किसी एक उम्मीदवार को ही अपर हाउस भेज सकती है।
किसके पास कितनी राज्यसभा सीटें?
राज्यसभा में फिलहाल समाजवादी पार्टी के छह सांसद हैं। नरेश अग्रवाल और जया बच्चन समेत सभी का कार्यकाल 2 अप्रैल को खत्म होने जा रहा है। उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को मतदान होगा। 403 सदस्यीय यूपी विधानसभा में फिलहाल बीजेपी गठबंधन के पास 324 विधायक हैं। इनमें 311 बीजेपी के जबकि अपना दल के पास 9 और भारतीय समाज पार्टी के पास 4 विधायक हैं। विपक्ष में बैठी समाजवादी पार्टी के पास 47 विधायक हैं। जबकि, बीएसपी के पास 19 और कांग्रेस के पास 7 विधायक हैं
राज्यसभा की एक सीट के लिए किसी भी पार्टी के पास 38 विधायक होने जरूरी हैं। समाजवादी पार्टी के पास इस वक्त 403 में से 47 विधायक हैं। इस हिसाब से पार्टी का एक ही उम्मीदवार राज्यसभा में भेजा सकता है। जबकि, बीजेपी अपने 8 सदस्यों को आसानी से राज्यसभा में भेज सकती है। उधर, बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने पूर्व विधायक भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा चुनावों के लिए पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। फूलपुर और गोरखपुर के लोकसभा उपचुनावों में सपा को समर्थन देने के बदले बीएसपी राज्यसभा चुनावों में सपा की मदद से अपना उम्मीदवार उच्च सदन भेजना चाहती है लेकिन इसके लिए उसे अपने 19 विधायकों के अलावा सपा के बचे 9 विधायक, कांग्रेस के 7 विधायकों के बाद भी 38 अंकों का जादुई आंकड़ा छूने के लिए 3 और विधायकों की जरूरत होगी।
उधर अपने 8 उम्मीदवारों को राज्यसभा भेजने के बावजूद बीजेपी के 7 वोट खाली रहेंगे। साथ ही उसकी सहयोगी अपना दल के 9 और भाजपा के 4 विधायक हैं जो कुल मिलाकर 20 अतिरिक्त वोट हो जाते हैं। ऐसे में पार्टी अपना या फिर सहयोगी दल का कोई उम्मीदवार मैदान में उतारेगी ये देखना दिलचस्प होगा।
उच्च सदन की 16 राज्यों में ख़ाली हो रहीं 58 सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होंगे और उसी दिन मतगणना भी होगी। 58 सीटों पर चुनाव होने के बाद राज्यसभा की स्थिति बदल जाएगी। बीजेपी की सदस्य संख्या में कम से कम 15 सीटों का इजाफा होगा। जबकि, कांग्रेस की सीटें घटेंगी। इस बार उसे 8 सीटों का नुकसान हो सकता है।