उन्नाव के नवाबगंज से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसे जानने के बाद आपका खून खौल उठेगा। बता दे नवाबगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सोमवार देर रात आंखों के मरीजों के ऑपरेशन मात्र टॉर्च की रोशनी में किए गए। डॉक्टर जिन्हें भगवान का अवतार माना जाता हैं, जो मरते हुए व्यक्ति की जान बचाकर जीवन दान देते हैं, उन्हीं डॉक्टर्स ने डॉक्टर शब्द पर कलंक लगाने का काम किया हैं।
जमीन पर लिटाया गया
दरअसल नवाबगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक एनजीओ ने मेडिकल कैम्प का आयोजन किया था, इस कैम्प में मरीजो की आंखों का निःशुल्क ऑपरेशन किया जाना था। एनजीओ ने इस ऑपरेशन के लिए अपने डॉक्टर तो बुला लिए, लेकिन बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की। ऐसे में जब बिजली गुल हुई तब अंधेरे में टॉर्च जला कर डॉ. नूतन सक्सेना ने मरीजों की आंखों के ऑपरेशन कर डाले। 32 मरीजों की आंखों के जैसे तैसे टॉर्च की रोशनी में ऑपरेशन किए गए और तो और दिसंबर की इस कड़ाके की ठंड में मरीजों को जमीन पर लिटाया गया, जिससे आंखो में इन्फेक्शन की संभावनाए और ज्यादा बढ़ सकती हैं। इसके अलावा मरीजों के खाने का भी ठीक से इंतजाम नहीं किया गया।
मरीजों ने की खुजली की शिकायत
अस्पताल में भर्ती महतवान निवासी मरीज चन्द्रावती, पड़रिया की शिवदेवी और राजाराम ने बताया, ऑपरेशन के बाद उन्हें न ही दवा दी गई और न ही बेड, ऑपरेशन के बाद से ही लगातार हमारी आंखों में खुजली हो रही हैं।
डीएम ने दिलाया आश्वासन
समाज सेवा के नाम पर लापरवाही करने वाले ऐसे समाज के ठेकेदार एनजीओ पर क्या कार्रवाई की जाएगी, ये देखने वाली बात होगी। हालांकि इस बारे में डीएम रवि कुमार एनजी का कहना है, कि मामले की जांच कराई जा रही है, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सौभाग्य योजना का अनादर
सीएम योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उन्नाव में सौभाग्य योजना का शुभारंभ किया था और 30 गरीब परिवारों के घर में बिजली का कनेक्शन देने के लिए स्वीकृत पत्र बांटे थे, लेकिन लगता है कि सौभाग्य योजना उन्नाव के गरीबों के लिए एक दुर्भाग्य ही बन गया है।