आरोप लगने पर ही नेताओं से इस्तीफा मांगने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मारपीट के मामले में चार्जशीट दाखिल ही है। दिल्ली के मुख्य सचिव के साथ मारपीट के मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों को भी आरोपी बनाया गया है। आम आदमी पार्टी ने इसे दिल्ली सरकार के खिलाफ साजिश करार दिया है तो विपक्षी दलों ने केजरीवाल को कटघरे में खड़ा किया है।
दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ मुख्यमंत्री आवास में हुई मारपीट के मामले में दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को आरोपी बनाया गया है। इनके अलावा 11 विधायकों के नाम भी चार्जशीट में शामिल हैं। दिल्ली पुलिस की चार्जशीट पर आम आदमी पार्टी ने मोदी सरकार और दिल्ली के उप राज्यपाल पर निशाना साधा है। इसे दिल्ली की जनता के साथ बदले की कार्रवाई भी बताया है।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्त राघव चड्ढा ने इसे मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के खिलाफ गहरी साजिश का नतीजा भी बताया है। आम आदमी पार्टी को चार्जशीट में साजिश की बू आ रही है तो बीजेपी और कांग्रेस को इसमें जैसी करनी वैसी भरनी का मामला नजर आ रहा है। दोनों दलों का साफ कहना है कि किसी अधिकारी को घर में बुलाकर उसके साथ मारपीट करने की घटना न सिर्फ आपराधिक है। बल्कि निंदनीय भी है और ऐसा करने वालों को सजा जरूर मिलनी चाहिए। ये तो तय है कि इस पर अभी सियासत और तेज होगी। इस पर न सिर्फ राजनीतिक दल ही दिल्ली सरकार को घेरेंगे। बल्कि दिल्ली के नौकरशाह भी आरोपियों को सजा के लिए दबाव बनाएंगे।
आपको बता दें कि इस साल 19 फरवरी को मुख्य सचिव अंशु प्रकाश को मुख्यमंत्री केजरीवाल के आवास पर राशन कार्ड और अन्य मुद्दों पर मीटिंग के लिए बुलाया गया था।जहां उनके साथ मारपीट की गई थी। इस मुद्दे को लेकर दिल्ली सरकार और ब्यूरोक्रेसी के बीच ठन गई थी। दिल्ली के अफसर कई दिनों तक इस मसले पर हड़ताल पर बैठे हुए थे। कई दिनों के बाद दोनों पक्ष आपसी बातचीत के बाद दोबारा काम पर लौटे थे।
ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन