देश के सबसे व्यस्त दिल्ली एयरपोर्ट (IGI) पर जहां एक ओर तकनीकी गड़बड़ी के कारण 800 से अधिक उड़ानें प्रभावित हुईं, वहीं अब सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। आज यानी रविवार दोपहर को APN न्यूज को पुख्ता जानकारी मिली है कि दिल्ली से बेंगलुरु जा रहे इंडिगो के एक यात्री सोहन वेंकटेश (बदला हुआ नाम) को बिना बोर्डिंग पास के ही एयरपोर्ट के अंदर एंट्री मिल गई। यह घटना एयरपोर्ट की सुरक्षा प्रक्रिया में बड़ी लापरवाही को उजागर करती है और सवाल उठाती है कि इतनी सख्त निगरानी वाले क्षेत्र में ऐसा कैसे संभव हुआ।
बिना बोर्डिंग पास के एंट्री: खुद यात्री ने बताया पूरा किस्सा
सोहन वेंकटेश, जो एक सीनियर सिटीजन हैं, ने APN न्यूज से बातचीत में बताया कि उन्हें व्हीलचेयर सहायता की आवश्यकता थी और इस वजह से एयरपोर्ट स्टाफ ने उन्हें अंदर जाने में मदद की।
उन्होंने आगे कहा, “लेकिन सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि मेरे पास बोर्डिंग पास नहीं था। वह बाहर ही रह गया था, लेकिन एयरपोर्ट स्टाफ ने मुझे अंदर जाने दिया”
एयरपोर्ट पर आमतौर पर टर्मिनल एंट्री के लिए वैध टिकट या बोर्डिंग पास दिखाना अनिवार्य होता है, लेकिन इस मामले में यह नियम पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया गया।
ATC सिस्टम की गड़बड़ी से देशभर में हड़कंप
इस घटना के साथ-साथ, एयरपोर्ट पर पहले से ही ऑटोमैटिक मैसेज स्विचिंग सिस्टम (AMSS) की तकनीकी खराबी के चलते शुक्रवार को भारी अव्यवस्था थी। यह सिस्टम एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के फ्लाइट प्लानिंग को सपोर्ट करता है, और इसमें आई गड़बड़ी सुबह 5:45 बजे से लेकर रात 9 बजे तक, यानी करीब 15 घंटे तक जारी रही।
इस दौरान देशभर में 800 से अधिक उड़ानें देरी से चलीं और 46 उड़ानें रद्द करनी पड़ीं।
केंद्रीय मंत्री ने ATC ग्लिच का लिया संज्ञान, जांच के आदेश
शनिवार को नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने दिल्ली एयरपोर्ट के ATC टॉवर का दौरा किया और उड़ान संचालन की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस तरह की घटनाओं की “रूट-कॉज़ एनालिसिस” की जाए ताकि भविष्य में दोबारा ऐसी स्थिति न बने।
जानकारी के मुताबिक, शनिवार को उड़ान सेवाएं धीरे-धीरे सामान्य होने लगीं, हालांकि यात्रियों को फिर भी देरी का सामना करना पड़ा। फ्लाइटरेडार24 (Flightradar24) के आंकड़ों के मुताबिक, शनिवार को रवाना होने वाली अधिकांश उड़ानों में औसतन लगभग 30 मिनट की देरी दर्ज की गई।
यानी तकनीकी गड़बड़ी ठीक होने के बावजूद संचालन पूरी तरह पटरी पर नहीं लौट सका, और एयरपोर्ट पर उड़ानों के समय में लगातार फेरबदल देखने को मिला।
अब बड़ा सवाल — क्या सुरक्षा को लेकर मानक सिर्फ कागजों में हैं?
दिल्ली एयरपोर्ट पर लगातार दो दिनों में दो अलग-अलग स्तर की गड़बड़ियों ने एयरपोर्ट सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर तकनीकी सिस्टम 15 घंटे तक ठप रहा, वहीं दूसरी ओर बिना बोर्डिंग पास के यात्री का टर्मिनल में प्रवेश यह साबित करता है कि देश के सबसे सुरक्षित एयरपोर्ट्स में भी चूक की गुंजाइश बाकी है।
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