देश की रक्षा मंत्री बनने के बाद निर्मला सीतारमण ने देश की सुरक्षा पर अपनी पैनी नजर गड़ानी शुरू कर दी है। वह एक दिवसीय बाड़मेर दौरे पर थीं। इस बाबत रक्षा मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि हमने खुद सेना के अधिकारियों से बात की है और सेना के पास हथियारों की कोई कमी नहीं है। वह किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता रहेगी कि सैन्य तैयारियों में कोई कमी न रहे और भारतीय सेना को और ज्यादा मजबूती प्रदान करने की दिशा में हरसंभव कदम उठाए जाएं।

बता दें कि उनका ये बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ हफ्ते पहले भारतीय सेना में हथियारों और गोला-बारूद को लेकर सीएजी की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि सेना के पास सिर्फ 10 दिन तक लड़ने के हथियार मौजूद हैं। रक्षामंत्री ने अपने दौरे पर वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों, सुरक्षा सचिव, सैन्यकर्मियों आदि से मुलाकात की और रक्षा मामलों में जानकारी ली।

दरअसल, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण कार्यभार संभालने के बाद भारत-पाक सीमा के नजदीक उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन पहुंची थी। यहां जवानों ने उनको गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया। इस दौरान उन्होंने पहली बार मिग 21 बाइसन की कॉकपिट फाइटर जेट में बैठ उसकी ताकत को समझा। साथ ही सैन्य कमांडरों से बातचीत भी की। रक्षा मंत्री ने वायु सेना स्टेशन पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का जायजा भी लिया। निर्मला सीतारमण 16 साल बाद इस सेंसेटिव एयरबेस पर जाने वाली पहली डिफेंस मिनिस्टर हैं।  उनसे पहले साल 2001 में जॉर्ज फर्नाडीस ने इस एयरबेस का दौरा किया था।

अब देखना ये है कि सीएजी की रिपोर्ट की जांच का आगे क्या होगा। देश की सुरक्षा जैसे संवेदनशील मसलों पर सीएजी और रक्षा मंत्री अब आमने-सामने हैं। रक्षा मंत्री के इस दौरे पर दिए गए बयान से सीएजी की रिपोर्ट पर एक तरफ जहां सवालिया निशान खड़ा हो गया है तो वहीं सीएजी की विश्वनीयता पर भी प्रश्नचिन्ह लग गए हैं।