भारत में कोरोना वायरस को आए 14 सप्ताह पूरे हो चुके हैं.. और 15वां हफ्ता चल रहा है.. इस दौरान कोरोना संक्रमितो की संख्या 56 हजार को पार कर गई है.. इसी अवधि को लेकर अमेरिका सहित बाकी देशों से तुलना करें.. तो 15वें सप्ताह तक फ्रांस में भारत से दो और अमेरिका में 18 गुना से ज्यादा मरीज सामने आ चुके थे.. 15वें हफ्ते के दौरान अमेरिका में 9 लाख 83 हजार 457 और फ्रांस में 1 लाख 28 हजार 121 संक्रमित मरीज दर्ज किए गए थे.. इसी अवधि में चीन में कोरोना संक्रमितों की सख्या 84 हजार 341 थी..
अमेरिका, फ्रांस, जापान और चीन समेत कई देशों में कोरोना की अवधि 15 सप्ताह से भी ज्यादा हो चुकी है.. लेकिन इटली, ईरान और स्पेन में अभी इसकी अवधि कम है.. इटली में 13वें सप्ताह में 2 लाख 3 हजार मरीज मिले थे.. तो ईरान में 11वें हफ्ते में कोरोना के 92 हजार 584 संक्रमित थे.. इन सभी देशों की अपेक्षा भारत में स्थिति अभी भी नियंत्रण में दिखाई देती है.. हालांकि जापान अकेला ऐसा देश है जहां 15वें सप्ताह तक 13 हजार 385 केस मिले थे..
#कोरोना का खतरा टला नहीं है। #एम्स के डॉ. #गुलेरिया के मुताबिक भारत में जून-जुलाई में #कोविड_संक्रमण अपने उंचाई पर हो सकता है।
अभी तक #लॉकडाउन की वजह से यह नियंत्रित रहा है, मामले तेजी से नहीं बढ़ें हैं।
ऐसे में लॉकडाउन के बाद भी #सोशल_डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। pic.twitter.com/F7PWz7tfil
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) May 8, 2020
विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत में कोरोना की चाल अब जांच का दायरा बढऩे के साथ आगे जा रही है.. दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं.. कि जून में कोरोना वायरस का ग्राफ अपने उच्चतम स्तर पर जा सकता है.. देश में अब तक 400 से ज्यादा लैब में हर दिन औसतन 80 हजार सैंपल की जांच हो रही है.. हालांकि संक्रमितों के मिलने की दर शुरुआत से ही करीब 4 फीसदी देखने को मिल रही है.. विशेषज्ञों का ये भी मानना है कि लॉकडाउन के बाद जांच बढऩे से एक वक्त तक मरीजों की संख्या उच्च स्तर पर मिलती है.. लेकिन इसके बाद ये ग्राफ लगातार नीचे गिरता चला जाता है.. लिहाजा, डरने की नहीं बल्कि, सतर्कता बरतने की जरुरत है।