तुष्टीकरण की राजनीति काफी पुरानी है। सभी दलें अपने-अपने हिसाब से खास धर्म, जाति या वर्ग को प्रलोभन देती आई हैं। राष्ट्रीय स्तर की पार्टी कांग्रेस हमेशा से ही बीजेपी पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते आई है। लेकिन इस बार पासा उल्टा है और बीजेपी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया है जिसे कांग्रेस ने सिरे से खारिज कर दिया। कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस सरकार ने मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी द्वारा मुस्लिम तुष्टीकरण की नीतियों के कारण सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं में आरोपियों के साथ धार्मिक आधार पर भेदभाव के आरोपों को खारिज किया है। सरकार ने बताया कि दंगों में हिंदुओं से ज्यादा मुस्लिमों की गिरफ्तारी हुई है।
आरोप को खारिज करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “भाजपा विधानसभा चुनावों के चलते सांप्रदायिक तरीके से वोटों के ध्रुवीकरण का सहारा ले रही है। बीजेपी हिंदू समूहों द्वारा शुरू किए गए सांप्रदायिक हिंसा के बारे में नहीं बोलेंगी”। राज्य की सिद्दरमैया सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय का तुष्टीकरण करने के बीजेपी के आरोपों पर पलटवार भी किया। राज्य सरकार ने कहा कि किसी भी समुदाय के साथ पक्षपात नहीं किया गया है। हिंदुओं से ज्यादा मुसलमानों को गिरफ्तार किया गया है। सरकार ने कहा कि अपराधियों और शरारती तत्वों के खिलाफ बिना किसी भेदभाव के कार्रवाई की गई है। राज्य के गृहमंत्री आर रामलिंगा रेड्डी ने कहा, ‘जब बात सांप्रदायिक हिंसा की आती है तो हम कोई भेदभाव नहीं करते हैं और ना ही किसी को सपॉर्ट करते हैं। 3 साल में दंगों में कुल 1254 लोगों को अरेस्ट किया गया। 2013 से 2017 के बीच हुए दंगों में कुल 670 मुस्लिमों की गिरफ्तारी हुई, जबकि हिंदुओं की संख्या 578 है। वहीं 6 ईसाईयों की भी गिरफ्तारी हुई।’