1998 में हुए कोयंबटूर बम धमाके के मामले में सजा काट चुके आरोपी मोहम्मद रफीक को एक बार फिर गिरफ्तार कर लिया गया है। इस बार उनको किसी बम धमाके के जुर्म में नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या रचने की साजिश में गिरफ्तार किया गया है। मोहम्मद रफीक को गिरफ्तार करने के बाद उनको मंगलवार को 15 दिनों की न्यायिक हिरास्त में भेज दिया गया है।
रफीक की गिरफ्तारी एक ऑडियो क्लिप वायरल होने पर की गई है। इसमें वह तमिलनाडू के बिजनेसमैन प्रकाश नाम के शख्स के साथ टेलिफोन पर पीएम मोदी की हत्या की साजिश की बात रहा है।
पुलिस ने कहा कि बातचीत मुख्यरूप से गाड़ियों के लिए पैसों से संबधित थी। मगर अचानक रफीक को यह कहते सुना जा सकता है कि ‘हमने पीएम मोदी को खत्म करने की योजना बना ली है। जब 1998 में लाल कृष्ण आडवाणी कोयंबटूर शहर की यात्रा पर थे, तब हमने ही बम फिट किया था।’
पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि वह केवल प्रकाश को डराने के लिए पीएम मोदी को मारने की बात कह रहा है। उसने हत्या की साजिश नहीं रची थी।
रफीक ने यह भी स्वीकार किया है कि ऑडियो क्लिप में आवाज उसकी है। उसने दावा किया कि प्रकाश ने उसे इस तरह की बात कहने के लिए उकसाया था।
बता दें कि मोहम्मद रफीक कुनियामुथुर का रहने वाला है। वर्ष 1998 में रफीक को आपराधिक षडयंत्र रचने समेत कई आरोपों में दोषी पाया गया था। वर्ष 2007 में सजा की अवधि समाप्त होने के बाद वह जेल से बाहर आया था। गौरतलब है कि 1998 में कोयंबटूर में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। जिसमें करीब 58 लोगों की मौत हुई थी और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इन बम धमाकों में 70 अभियुक्तों पर साजिश और हत्या जैसे गंभीर आरोप थे। कोर्ट ने इनमें 43 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। 43 में से 26 लोगों को दोहरी उम्रकैद, 15 को एक उम्रकैद और एक को तिहरी उम्रकैद सजा सुनाई गई। इसके अलावा एक दोषी को सबसे ज्यादा चार उम्रकैद की सजा सुनाई गई।