ऑनलाइन मीडिया पर निगरानी रखने के लिए मोदी कैबिनेट ने अहम फैसला किया है। दुनियाभर में चलने वाले ऑनलाइन न्यूज पोर्टल, ऑनलाइन कंटेंट प्रोग्राम और ऑनलाइन फिल्में सूचना एंव प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आएंगी।

बुधवार को केंद्र सरकार ने ने ऑनलाइन न्यूज पोर्टलों, ऑनलाइन कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने की अधिसूचना जारी की।

कैबिनेट सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार ने ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध समाचार, ‘करंट अफेयर्स सामग्री को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में लाने का फैसला लिया है। 

इसका मतलब हुआ कि अब अमेजन और नेटफ्लिक्स जैसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय रेगुलेट करेगा।

बता दें कि, पिछले माह, सुप्रीम कोर्ट ने स्वायत्त निकाय द्वारा ओटीटी प्लेटफार्मों को विनियमित करने के लिए एक याचिका पर केंद्र की प्रतिक्रिया मांगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया को नोटिस जारी किया था।

ओटीटी प्लेटफार्मों में समाचार पोर्टल और स्ट्रीमिंग सेवाएं जैसे हॉटस्टार, नेटफ्लिक्स और अमेज़ॅन प्राइम वीडियो भी शामिल हैं, जो इंटरनेट पर उपलब्ध हैं या नेटवर्क प्रोवाइडर की मदद से मुहैया कराए जाते हैं।

याचिका में कहा गया है कि ओटीटी / स्ट्रीमिंग और विभिन्न डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म ने निश्चित रूप से फिल्म निर्माताओं और कलाकारों को सेंसर बोर्ड से अपनी फिल्मों और श्रृंखलाओं के लिए मंजूरी प्रमाणपत्र के बारे में चिंतित हुए बिना अपनी सामग्री को जारी करने के लिए एक रास्ता दिया है।

पिछले साल, सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार कोई भी कदम नहीं उठाएगी जो मीडिया की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा सकती है, साथ ही यह भी कहा था कि ओवर-द-टॉप प्लेटफार्मों (ओटीटी) पर जैसा कि प्रिंट के लिए है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ फिल्में भी किसी तरह का नियमन होना चाहिए।

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