सीबीआई ने खनन घोटाले में कौशांबी के जिलाधिकारी रहे पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह और उनके करीबी रिश्तेदारों के लखनऊ, कानपुर, गाजियाबाद और दिल्ली में नौ ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की। इस दौरान सीबीआई ने 10 लाख नकद, 51 लाख रुपये के फिक्स डिपाजिट समेत करोड़ों की संपत्ति बरामद की है।
सपा के चहेते अधिकारी
सत्येंद्र सिंह तत्कालीन सपा सरकार के चहेते अधिकारी रहे हैं। वह लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और लखनऊ के डीएम भी रह चुके हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने बताया कि हाईकोर्ट ने वर्ष 2016 में कौशांबी में गैरकानूनी ढंग से हुए घोटाले की जांच सीबीआई को करने के आदेश दिए थे।
इस मामले में सीबीआई प्रारंभिक छानबीन कर रही थी और सबूत जुटाने के बाद सीबीआई ने छापे की कार्रवाई की। जांच में पता चला कि तत्कालीन डीएम कौशांबी के पद पर रहते हुए सत्येंद्र सिंह ने वर्ष 2012-14 के बीच कुछ चहेतों को खनन का ठेका दिया।
डीएम रहते हुए किया खूब घोटाला
उन पर आरोप हैं कि कौशांबी में डीएम रहते हुए उन्होंने शासन के निर्देशों की अनदेखी की और चहेतों को बिना टेंडर की शर्तों का अनुपालन किए हुए खनिज खनन का करोड़ों रुपये का ठेका दे दिया। मामले में उनके अलावा नौ अन्य खनन व्यापारियों के घर भी छापे मारे गए हैं।
सीबीआई ने प्रारंभिक जांच करने के बाद पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह समेत 10 खनन व्यापारियों पर भी केस दर्ज किया। इस में मुख्य रूप से सत्येंद्र सिंह, कौशांबी के नेपाली निषाद, नरनारायण मिश्रा,रमाकांत द्विवेदी, खेमराज सिंह, मुन्नी लाल, शिव प्रकाश सिंह, राम अभिलाष, योगेंद्र सिंह और प्रयागराज निवासी राम प्रताप सिंह को नामजद कर एफआईआर दर्ज की है।
एक अरब से अधिक संपत्ति
सीबीआई ने छापे में अचल संपत्ति से जुड़े 44 दस्तावेज बरामद किए हैं। सीबीआई इनकी कीमत का आकलन कर रही है। सीबीआई के सूत्रों का दावा है कि इनकी बाजार में कीमत 50 करोड़ रुपये के आसपास होगी। सीबीआई को छापे में 36 बैंक खातों की जानकारी मिली है, वहीं उनके घर से 10 लाख रुपये नकद मिले हैं। सीबीआई को उनके छह बैंक लॉकरों की जानकारी मिली। बैंक लॉकर की छानबीन में सीबीआई को 2.11 करोड़ रुपये कीमत के सोने के जेवर व अन्य जेवरात बरामद हुए हैं।