सीबीआई के डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के बीच के विवाद को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र के फैसले पर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।
उन्होंने कहा कि सीवीसी के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति नहीं है उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पूरी तरह से अवैध, मनमाने, दंडित करने वाले और बिना अधिकारक्षेत्र के की गई है।
खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि सीबीआई चीफ को चुने जाने वाली तीन सदस्यीय समिति में होने के नाते कोर्ट को किसी भी तरह का आदेश देने से पहले उन्हें सुना जाना चाहिए। सीबीआई को जो समिति चुनती है उसमें प्रधानमंत्री और मुख्य न्यायाधीश के साथ ही, विपक्ष का नेता भी शामिल होता है।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की #SC में याचिका। CBI डायरेक्टर आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने को अवैध बताया। कहा- दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन हुआ। खड़गे CBI निदेशक का चयन करने वाली कमिटी के भी सदस्य थे
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) November 3, 2018
कांग्रेस नेता ने आगे कहा सीबीआई डायरेक्टर का कार्यकाल निश्चित और शर्तें पूरी तरह सुरक्षित हैं और यहां तक कि पिछली समिति की सहमति के उनका ट्रांसफर आदेश भी लागू नहीं किया जा सकता है।
खड़गे ने कहा कि भारत की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी की पवित्रता और मर्यादा की रक्षा करना यह देश और आम लोगों के हित में था। सीबीआई के आंतरिक विवादों के चलते डायरेक्टर आलोक वर्मा और उनके डिप्टी राकेश अस्थाना को 24 अक्टूबर को तड़के ढाई बजे सभी अधिकार वापस लेते हुए उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया। उनकी जगह पर एम. नागेश्वर राव को एजेंसी का अंतरिम डायरेक्टर नियुक्त किया गया।
डायरेक्टर पद से हटाए जाने के कुछ ही घंटे बाद आलोक वर्मा ने सरकार के इस आदेश के खिलाफ चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ दो हफ्ते में जांच पूरी करने का सीवीसी को आदेश दिया। इसके साथ ही, कोर्ट ने रिटायर्ड जज को इस मामले की निगरानी करने को कहा।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सीबीआई ने अपने ही विशेष निदेशक (डायरेक्टर) राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उनपर एक कारोबारी सतीष बाबू सना से रिश्वत लेने का आरोप है। यह मामला मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़ा हुआ है।
वहीं, अस्थाना ने भी पलटवार करते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। बता दें कि सीबीआई के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब दो शीर्ष अधिकारी ही एक-दूसरे के खिलाफ रिश्वत लेने का आरोप लगा रहे हैं।
इस मामले में एजेंसी ने सीबीआई के डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया है। डीएसपी देवेंद्र कुमार को राकेश अस्थाना का चहेता अधिकारी माना जाता है। सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारकर 8 मोबाइल फोन और 1 आईपैड जब्त किया है। साथ ही मोइन कुरैशी मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।