नोटबंदी और जीएसटी से सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी को हुआ है तो वो व्यापारी वर्ग को हुआ है। ऐसे में शायद ही कोई व्यापारी हो जो मोदी सरकार से खुश हो। ऐसे में एक और बड़ी खबर आई है जिससे सियासी गलियारे में हलचल पैदा हो सकती है। नोटबंदी के कारण नुकसान होने का दावा करने वाले ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडे की मंगलवार को मैक्स हॉस्पिटल में मौत हो गई। हॉस्पिटल ने मौत की पुष्टि की है। दरअसल, शनिवार को प्रकाश पांडेय ज़हर ख़ाकर बीजेपी कार्यालय में लगने वाले जनता दरबार में पहुंच गए थे। वहां तबियत ख़राब होने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जिसके बाद से उनकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई थी।
प्रकाश की मौत की खबर सुनते ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मैक्स अस्पताल पहुंच गए। प्रकाश पांडे की मौत पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गहरा दुख जताया है। सीएम ने कहा कि हमें मौत से बहुत दुख है। हमने प्रकाश के इलाज में पूरा सहयोग किया। उधर, प्रीतम सिंह ने कहा कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या है। सरकार को इसका जवाब देना होगा कि क्यों एक व्यक्ति को जहर खाने को मजबूर होना पड़ा। देश की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है और आम आदमी जीएसटी-नोटबंदी जैसे निर्णयों से त्रस्त है। उन्होंने मृतक के आश्रित को नौकरी व आर्थिक मदद देने की मांग सरकार से की।
बता दें कि शनिवार को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में ट्रांसपोर्टर प्रकाश पांडेय पहुंचे थे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया था कि जीएसटी और नोटबंदी ने उन्हें बर्बाद कर दिया है, वह कर्ज़ में डूब गए हैं। जब उनको बेहोशी आने लगी तो उन्हें मंत्री के सरकारी वाहन से तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया था, यहां पता चला कि उन्होंने जहर खाया हुआ है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी उन्हें देखने रविवार को अस्पताल पहुंचे थे।