बीएसपी अध्यक्ष मायावती मेरठ में आज महारैली करके अपना शक्ति प्रदार्शन करने जा रही हैं। बीएसपी की इस रैली में मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद मंडल के कार्यकर्ता शामिल होंगे।
बता दें कि मायावती ने 18 जुलाई को राज्यसभा से इस्तीफा दिया था और यह फैसला लिया था कि वह हर महीने की 18 तारीख को प्रदेश में मंडलवार रैलियों को संबोधित करेंगे। रैली में आने वाली भीड़ पर हर किसी की नजर रहेगी। मेरठ लोकसभा के प्रभारी हाजी याकूब कुरैशी ने बताया कि 40 विधानसभा के पार्टी कार्यकर्ता मेरठ की रैली में शामिल हो रहे हैं। गौरतलब है कि इस रैली में बसपा की कोशिश होगी कि वह कम से कम 5000 लोगों को रैली में ला सके। इसके लिए पार्टी ने अपने जिला स्तर के नेताओं को रैली में बड़ी संख्या में लोगों को लाने को कहा है।
इसे देखते हुए रैली स्थल पर मेरठ, सहानरपुर और मुरादाबाद मंडल के वर्करों के बैठने के लिए 3 अलग-अलग ब्लॉक बनाए गए हैं, ताकि यह पता रहे कि किस मंडल से कितनी भीड़ आई। महिलाओं के बैठने के लिए मंच के बिल्कुल सामने जगह बनाई गई है। महिला बीबीएफ की वर्कर उनकी जिम्मेदारी संभालेंगी।
वहीं रैली से पहले एक और झटका लगा है। रैली की पूर्व संध्या पर वेस्ट यूपी के मुजफ्फरनगर शहर से बीएसपी के विधानसभा चुनाव लड़े राकेश शर्मा ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने मायावती पर सीधे तौर पर जनाधार खोने और वर्करों की उपेक्षा का आरोप लगाया है।
माना जा रहा है कि मेरठ की इस महारैली में बीएसपी सुप्रीमो के निशाने पर पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी होंगे। बीएसपी नेता हाजी याकूब कुरैशी ने कहा कि बहनजी इस महारैली में दलित उत्पीड़न के मुद्दे को उठाएंगी।
हालांकि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद बीएसपी को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कई बड़े चेहरे चुनाव के बीच और बाद में मायावती का साथ छोड़ चुके हैं वहीं इस हालात में पार्टी को फिर से बांध कर खड़ा करना मायावती के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। इधर इस रैली की गर्माहट भी बसपा के आगे के दिनों का रास्ता बना सकती है।