बिहार की राजधानी पटना से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर बोधगया शहर है जहां वर्ष 2013 में बम ब्लास्ट हुआ था। इस ब्लास्ट में कई बोद्ध भिक्षुओं समेत कई आम लोग बुरी तरह घायल हो गए थे, वहीं कुछ के मरने की खबर भी आई थी। आज उन सभी लोगों को कोर्ट ने इंसाफ दिया है। दरअसल, बोधगया सीरियल ब्लास्ट मामले में दोषी करार दिये गये सभी अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सभी दोषियों की सजा के सभी बिंदुओं पर सुनवाई करते हुए एनआईए की विशेष अदालत ने शुक्रवार को सजा सुनाई. सभी दोषियों पर 40-40 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। बता दें कि इस आतंकी हमले में तेज सुनवाई करते हुए कोर्ट ने महज चार साल 10 माह 19 दिन में दोषियों को सजा सुनाई है। एनआईए कोर्ट के विशेष जज मनोज कुमार ने 25 मई, 2018 को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने 11 मई, 2018 को दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला 25 मई तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। इस सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था। इनके साथ इम्तियाज अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी और मुजीबुल्लाह अंसारी हैं। ये सभी बेउर जेल के बंद हैं। ब्लास्ट करने के लिए हैदर ने रायपुर में रहने वाले सिमी के सदस्य उमर सिद्दीकी से संपर्क किया था। हैदर रायपुर गया था। वहीं, बोधगया ब्लास्ट की साजिश रची गई थी। राजातालाब स्थित एक मकान में हैदर को जेहाद के नाम पर ब्रेनवाश किया गया। हैदर को ब्लास्ट का सामान भी वहीं दिया गया। हैदर ने ब्लास्ट के पहले बोधगया का चार-पांच बार दौरा कर वहां की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया था। हैदर और उसके साथी सिमी के सदस्य थे। हैदर ने बौद्ध भिक्षु बनकर मंदिर में प्रवेश कर विस्फोट किया था।
बता दें कि बहस के दौरान कोर्ट में एनआईए के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की थी जिसके बाद कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई।