बीजेपी शासित राज्य में नाम बदलने की होड़ सी लग गई है। इलाहाबाद के बाद अब बिहार के शहर बख्तियारपुर का नाम बदलने की मांग की जा रही है। हालांकि इस मांग का विरोध भी हो रहा है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इलाहाबाद का नामकरण प्रयागराज किए जाने को सही ठहराते हुए इसी तर्ज पर बिहार के कुछ शहरों का भी नाम बदले जाने की मांग सोमवार को उठाई। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बख्तियारपुर का नाम बदलने की मांग की है। इस पर जदयू ने गिरिराज को नसीहत देते हुए उन्हें पहले बख्तियापुर का इतिहास जानना चाहिए। राजद ने कहा कि गिरिराज सिंह खबरों में बने रहने के लिए बयानबाजी करते रहते हैं।
वहीं दूसरी ओर गिरिराज सिंह के इस बयान पर यूपी के मंत्री ओपी राजभार ने भी तंज कसा है। ओपी राजभर ने कहा है कि इनके पास कोई काम नहीं है। ये जनता का दिमाग भटकाने के लिए ये नाम बदले का एक बहाना है इनका। अगर हिम्मत है तो लाल किले का नाम बदल देना उसको गिरा देना। उन्होंने कहा कि जो नेता बिहार वाले (गिरिराज सिंह) बयान दे रहे हैं, वो जिस रोड पर चलते हैं, उसको उनके दादा ने बनवाया है? जीटी रोड शेरशाह सूरी ने बनाया है। एक नई सड़क बना कर दिखा दें, बयान देना अलग बात है।
बता दें कि गिरिराज सिंह का कहना है कि ‘‘मैं आपसे पूछता हूं कि आपके घर पर कोई कब्जा कर ले और जब आप सामर्थ्यवान होंगे तो क्या अपने घर का नाम उसी का रहने देंगे।’’ सिंह ने कहा, ‘‘मैं तो मांग करुंगा कि पूरे देश में… बिहार में भी जो नाम मुगलों के नाम से जुड़ा है, उन नामों को हटाया जाना चाहिए। जिसका एक उदाहरण बख्तिायरपुर है।’’ बिहार की राजधानी पटना के बाहरी इलाके में स्थित बख्तियारपुर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जन्मस्थान है। माना जाता है कि दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन एबक के निर्देश पर बख्तियार खिलजी के नाम पर इस जगह का नाम बख्तियारपुर रखा गया था जिसने बिहार पर आक्रमण किया था।