मिशन 2019 फतह करने को लेकर जहां विपक्षी पार्टियां एक मजबूत गठबंधन के जरिए मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की रणनीति तैयार करने में जुटी हैं। वहीं बीजेपी भी पीछे नहीं है। इस चुनावी महाभारत में जीत हासिल करने के लिए, प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह ने मास्टर प्लान तैयार किया है। बूथ लेवल से लेकर हिंदू वोटरों तक, अपनी पकड़ को मजबूत बनाने के लिए बीजेपी ने खाका तैयार कर लिया है।

जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने अपने 40 लाख बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं की फौज को डाटा एकत्रित करने काम में उतार दिया है। मंदिर-मठों से लेकर SC और OBC जनसंख्या का डाटा तैयार किया जा रहा है।जिससे वोटरों तक अपनी पकड़ को मजबूत किया जा सके।खासतौर पर बीजेपी की नजर उन सीटों पर है जिसमें पिछले चुनाव में बीजेपी दूसरे पायदान पर रही।या फिर, जहां पर इस बार जीत की संभावनाएं हैं।SC-ST और OBC बिल, के जरिए बीजेपी पहले ही ये संकेत दे चुकी है कि उसकी नजर 70 फीसदी वोटरों पर है। यानि बीजेपी जाति-धर्म के साथ-साथ, सरकार की योजनाओं के जरिए, मतदाताओं को रिझाने की तैयारी में है।

ऐसे में सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं। कि बीजेपी का हिंदुत्व-कार्ड, क्या इस बार के चुनाव में असरदार साबित होगा। क्या मंदिर और मठों के जरिए बीजेपी अपने मंसूबे में कामयाब हो पाएगी और सबसे अहम, विपक्षी दलों के पास बीजेपी के इस मास्टर-स्ट्रोक की काट ढूंढना आसान होगा।?

दरअसल, ये सवाल इसलिए क्योंकि सत्तारूढ़ बीजेपी जमीनी स्तर पर अपनी पार्टी को मजबूती देने के लिए जी-जान से जुट गई है। वहीं विपक्षी पार्टियां सिर्फ विपक्षियों के गठजोड़ का ताना-बाना बुनने में उलझी हुई है, जिसका अब तक कोई स्वरूप नजर नहीं आ रहा।विपक्षी दलों के नेताओं में जो चुस्ती-फुर्ती दिखनी चाहिए, वो दूर-दूर तक दिखाई नहीं दे रही। ऐसी कमरों में बैठकर ही विपक्षी दलों के नेता सत्ता का सपना संजोने में जुटे हुए हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि बगैर जमीनी कसरत किए, बगैर जनता के बीच जाए, सत्ता का सपना संजो रहे विपक्षी दलों का ये ख्वाब कैसे पूरा होगा।.

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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