एक बार फिर बीजेपी-कांग्रेस के बीच एक मुद्दे को लेकर ट्वीटर वार शुरु हो गया है। दरअसल, फेसबुक डेटा चोरी की खबरों के बीच राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर नरेंद्र मोदी ऐप के ज़रिए से डेटा ब्रीच का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने एक वेबसाइट का आर्टिकल शेयर करते हुए ट्वीट किया,”मेरा नाम नरेंद्र मोदी है। मैं भारत का प्रधानमंत्री हूं। जब आप मेरा एप साइन अप करते हैं, मैं आपका सारा डेटा अपनी अमेरिकन कंपनियों को दे देता हूं।” आखिर में राहुल गांधी ने मीडिया को इस खबर को जगह देने के लिए धन्यवाद कहा। राहुल के आरोपों पर भाजपा के साथ-साथ पीएमओ ने भी पलटवार किया है। पीएमओ ऑफिस की ओर से कहा गया है कि कांग्रेस और राहुल गांधी को तकनीक की जानकारी नहीं है।
Hi! My name is Narendra Modi. I am India’s Prime Minister. When you sign up for my official App, I give all your data to my friends in American companies.
Ps. Thanks mainstream media, you’re doing a great job of burying this critical story, as always.https://t.co/IZYzkuH1ZH
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 25, 2018
पीएमओ की तरफ से कहा गया है कि राहुल गांधी और कांग्रेस को टेक्नोलॉजी की जानकारी नहीं है। पीएमओ ने कैंब्रिज एनालिटिका को डेटा चोरी करने के लिए कांग्रेस का ब्राह्मास्त्र बताया है। साथ ही कहा है कि राहुल इस खुलासे से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा कर रहे हैं।पीएमओ की तरफ से ये दलील भी दी गई कि मीडिया हाउस भी अपने ऐप के लिए थर्ड पार्टी सर्विस का इस्तेमाल करते हैं. ताकि वो अपने पाठक तक अच्छे से खबरें पहुंचा सकें। वहीं बीजेपी ने कहा कि नरेंद्र मोदी ऐप उनके लाखों प्रशंसकों और पार्टी कार्यकर्ताओं को सीधे उनसे संपर्क का मौका देता है। बीजेपी ने दावा किया है कि डेटा चोरी का राहुल का आरोप झूठा है और डेटा का इस्तेमाल केवल थर्ड पार्टी एनालिटिक्स के लिए होता है। ठीक वैसे ही जैसे गूगल एनालिटिक्स।
Contrary to Rahul’s lies, fact is that data is being used for only analytics using third party service, similar to Google Analytics. Analytics on the user data is done for offering users the most contextual content.
— BJP (@BJP4India) March 25, 2018
बता दें कि राहुल गांधी ने इस ट्वीट के साथ एक अंग्रेजी अखबार की खबर भी साझा की है, जिसमें फ्रेंच सिक्युरिटी रिसर्चर एलियट एल्डर्सन की ट्वीट के हवाले से कहा गया है कि नमो ऐपी पर लॉगिन करने वालों की जानकारी बगैर उनकी मंजूरी के ‘क्लेवर टैप’ नाम की अमेरिकी कंपनी को भेजी जा रही हैं। अब कांग्रेस इस ऐप को डिलीट करने के लिए सोशल मीडिया पर अभियान चला रही है।