बिहार में शिक्षा में घपले और घोटालों को लेकर मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक खबर की अभी जाँच पूरी नहीं होती तब तक दूसरी आ जाती है। बिहार कर्मचारी चयन आयोग में घोटाले का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है और इसी बीच बिहार में इंटरमीडिएट परीक्षा में गड़बड़ी की ख़बरें आनी शुरू हो गई है। आज सुबह शुरू होने के साथ ही यह परीक्षा भी विवादों में घिरती नजर आ रही है। मीडिया में आ रही ख़बरों और सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक आज परीक्षा के पहले ही दिन प्रश्न पत्र व्हाट्स एप्प पर वायरल हो गया था। प्रश्न पत्र के बाज़ार में 100-100 रुपये में बिकने की ख़बरें भी सामने आ रही हैं। ऐसी ख़बरें बिहार के भागलपुर, आरा, समस्तीपुर और बिहटा से भी सामने आई हैं।
सरकार के किसी अधिकारी ने प्रश्न पत्र लीक होने की पुष्टि नहीं की है। अफवाहों का बाज़ार गर्म है साथ ही पिछले साल हुई धांधली और हाल फ़िलहाल में हुई बिहार कर्मचारी चयन आयोग मामले में घोटाले ने परीक्षार्थियों के साथ सरकार को भी संशय में डाल दिया है। इसकी जाँच होनी बाकी है। परीक्षा के पहले दिन आज पहली पाली में इंटर साइंस के बायोलॉजी और कॉमर्स के एंटरप्रेन्योरशिप का पेपर था। दूसरी पाली में कला संकाय के फिलोसॉफी और वोकेशनल कोर्स के विद्यार्थियों की राष्ट्रभाषा हिंदी का पेपर था।
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा आयोजित इस परीक्षा में विज्ञान संकाय के 6,60,035, वाणिज्य संकाय में 61,152 और कला संकाय में 5,39,253, परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रश्न पत्र लीक होने के बारे में पूछे जाने पर कहा है कि मुझे भी ऐसी जानकारी मिली है। परीक्षा के प्रश्नपत्र वाट्सएप पर वायरल हो गये हैं। वायरल प्रश्नपत्र और असली प्रश्न पत्र का मिलान कर इसकी जांच कराई जाएगी।
बिहार सरकार और परीक्षा समिति भले ही सुधारों और कड़े प्रावधानों की बात कर रहे हैं लेकिन अगर पिछले साल की तरह टॉपर घोटाला और बिहार एसएससी की तरह प्रश्न पत्रों के लीक होने का मामला सही है तो यह सरकार और समिति के कार्यशैली पर प्रश्न लगाने के साथ बिहार की छवि और छात्रों के भविष्य को बर्बाद करने वाला साबित हो सकता है।