आईपीएल 2025 में जीत के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) द्वारा आयोजित विजय परेड से जुड़ी भगदड़ की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसने टीम प्रबंधन की बड़ी लापरवाही को उजागर कर दिया है। इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 50 से ज्यादा घायल हुए थे। अब कर्नाटक सरकार ने जो रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी है, उसमें सीधे तौर पर आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आरसीबी ने न तो इस परेड के लिए किसी तरह की औपचारिक अनुमति ली थी और न ही पुलिस से स्पष्ट मंजूरी ली गई थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर रिपोर्ट सार्वजनिक की गई, जबकि राज्य सरकार ने इसे गोपनीय रखने की मांग की थी। अदालत ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि गोपनीयता की कोई कानूनी वजह नहीं है।
केवल “सूचना”, न कि “अनुमति”
जांच दस्तावेजों के अनुसार, 3 जून को आरसीबी ने पुलिस को परेड की योजना के बारे में केवल सूचित किया था, कोई आधिकारिक अनुमति नहीं मांगी गई। नियमों के अनुसार, ऐसे आयोजनों के लिए कम से कम सात दिन पहले विधिवत आवेदन करना अनिवार्य है, लेकिन आरसीबी ने न तो तय प्रारूप में आवेदन दिया, न ही अपेक्षित जानकारियाँ सौंपीं।
कब्बन पार्क थाना प्रभारी ने 3 जून की शाम 6:30 बजे KSCA (कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन) द्वारा भेजे गए अनुरोध को इस आधार पर अस्वीकृत कर दिया कि प्रस्तावित भीड़ का आंकलन, सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन की रूपरेखा अस्पष्ट थी।
सोशल मीडिया से किया आमंत्रण, भीड़ बेकाबू
इसके बावजूद, आरसीबी ने अगली सुबह 7:01 बजे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर एक तस्वीर साझा कर दी, जिसमें आम जनता को मुफ्त में परेड में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया। इसमें उल्लेख था कि परेड विधान सौध से शुरू होकर चिन्नास्वामी स्टेडियम तक जाएगी।
8:00 बजे एक और पोस्ट में वही जानकारी दोहराई गई। इसके बाद 8:55 बजे विराट कोहली का एक वीडियो क्लिप भी साझा किया गया, जिसमें उन्होंने फैंस से बेंगलुरु में इस जीत का उत्सव मनाने की अपील की।
दोपहर 3:14 बजे आरसीबी ने सोशल मीडिया पर फिर पोस्ट किया और स्पष्ट किया कि परेड शाम 5:00 बजे शुरू होगी और उसके बाद स्टेडियम में कार्यक्रम होगा। इस पोस्ट में पहली बार कहा गया कि सीमित मुफ्त पास shop.royalchallengers.com पर मिलेंगे। लेकिन तब तक की सभी पोस्ट यह आभास देती रहीं कि आयोजन पूरी तरह से सार्वजनिक था और कोई पास की जरूरत नहीं थी।
नतीजा: बेकाबू भीड़ और मौतें
पुलिस और प्रशासन को नजरअंदाज कर RCB द्वारा की गई यह लापरवाही भारी पड़ी। अनुमतियों के बिना आयोजित इस परेड में अचानक बेकाबू भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। नतीजा – 11 जानें चली गईं और दर्जनों लोग घायल हो गए। अब जब रिपोर्ट सामने आ चुकी है, तो सवाल यह उठ रहा है कि क्या सिर्फ टीम प्रबंधन पर दोष मढ़ देना काफी है, या फिर इसमें शामिल अन्य एजेंसियों की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए?