प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने की राह पर चलते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने कुछ दिनों पहले एक घोषणा की थी। इस घोषणा के तहत सभी सरकारी दफतरों, स्कूलों और अस्पतालों को साफ-सुधरा व कर्मचारियों को समय पर आने के निर्देश दिए गए थे, जिसके बाद मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने एक-दो जगहों पर खुद जाकर जांच भी की।
मुख्यमंत्री के आदेश को खंडित करता हुआ एक बंदायु का एक मामला सामने आया, जिस पर बदायूं के सीएचसी में बीयर पार्टी का एक फोटो वायरल होने का मामले में एपीएन की खबर का असर हुआ है। इस तस्वीर के जरिए कुछ ऐसा नज़ारा सामने आया, जिसके बाद यह बात साफ हो गई कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते…। नजारा बदायूं के एक चिकित्सा अस्पताल का था, इस तस्वीर को लेकर APN NEWS ने अपनी एक जांच-पडताल के दौरान पाया कि सामुदायिक चिकित्सा केंद्र के उझानी के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री योगी के आदेशों की धज्जियाँ उड़ाते हुए अस्पताल से स्टाफ रूम को ही बीयर बार बना दिया। यहीं नहीं चिकित्साल्य में मौजूद कर्मचारियों ने जमकर बीयर भी पी रखी थी। इसमें बड़ी बात यह रही कि इस काम में अस्पताल की कई महिला कर्मचारी भी शामिल थी।
इस बीयर पार्टी में बार्ड ब्यॉय शैली बाथम, रसोइया वीरेंद्र, संविदा नर्स आरती, स्वप्निल, आकांक्षा और एक NGO की कार्यरत प्रिंयका भी शामिल थीं।
यह मामला तब उजागर हुआ जब सोशल मीडिया पर इसकी तस्वीरें वायरल होने लगी। मामले को तूल पकड़ता देख बदायूँ सीएमओ ने एक जांच टीम गठित करते हुए दोषी कर्मचारियों के खिलाफ 3 दिन के अंदर कार्यवाही की बात कही, लेकिन विभागीय अधिकारी इन कर्मचारियों का केवल ट्रांसफर करके मामले को रफा-दफा कर देने के चक्कर में हैं।
कल खबर चलने के बाद सीएमओ ने तीन दिन में जांच पूरी करने लेने का आदेश दिया था। साथ ही खबर के बाद सीएमओ ने बीयर पार्टी मामले में बड़ी कार्यवाही करते हुए एक आरोपी डॉक्टर की संविदा भी समाप्त कर दी, व एक डॉक्टर के वेतन पर रोक लगा दी है।
इसके अलावा इस मामले में दोषी पाई गई तीन स्टाफ नर्सों को संविदा समाप्ति का नोटिस दिया गया है तो वहीं दो सफाई कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है।