केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खतरनाक आतंकवादी माड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक संचार पर निगरानी से ही यह कामयाबी हासिल हो सकी है। जेटली ने ट्वीट किया, “खतरनाक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के लिए एनआईए को शाबासी।” उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या इलेक्ट्रॉनिक संचार पर होने वाली निगरानी के बिना आतंकियों के मॉड्यूल का खुलासा संभव हो पाता।
Would this crackdown of the terrorist module by NIA have been possible without interception of electronic communications?
— Arun Jaitley (@arunjaitley) December 27, 2018
पूर्ववर्ती कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने पूछा कि इलेक्ट्रॉनिक संचार पर सबसे अधिक निगरानी क्या संप्रग सरकार के कार्यकाल में नहीं की गयी थी। ”
जेटली ने कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वायत्तता सर्वोपरि है। जीवन और व्यक्तिगत आजादी केवल मजबूत लोकतांत्रिक देश में ही सुरक्षित रह सकती है, आतंकवादियों के प्रभुत्व वाले देश में नहीं।” उन्होंने कहा कि जिस इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्शन का विपक्ष विरोध कर रहा था, यह सफलता इसी इंटरसेप्शन के आधार पर मिली है। गौरतलब है कि कि केंद्र सरकार ने गत 20 दिसंबर को कुछ एजेंसियों को कंप्यूटर और मोबाइल फोन की निगरानी करने का आदेश दिया, जिसका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों इसे निजता पर आक्रमण बताकर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं।
एनआईए ने बुधवार को दिल्ली और उत्तर प्रदेश में एक आतंकवादी सेल का भंडाफोड़ किया जो भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेताओं तथा भीड़भाड़ वाले बाजारों में हमला करने की योजना बना रहे थे। एजेंसी ने बताया कि इस्लामिक स्टेट समर्थक आतंकवादी समूह हरकत उल हर्ब ए इस्लाम के दस आतंकवादियों को गिरफ़्तार किया गया है। उनके पास से 12 पिस्तौल और एक देशी रॉकेट लांचर सहित भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किये गये।
-साभार, ईएनसी टाईम्स