Arnold Dix : 17 दिनों के लंबे इंतजार और कड़ी मेहनत के बाद 41 श्रमिकों को सुरंग के अंधेरे से निजात मिली। इस रेस्क्यू ऑपरेशन का मास्टरमाइन्ड टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स को बताया जा रहा है। 23 नवंबर को भारत आये अर्नोल्ड मानो मजदूरों के लिए संकटमोचक साबित हुए।
बता दें, उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। ये रेस्क्यू ऑपरेशन लंबा होने के साथ साथ काफी जटिल साबित हुआ। सुरक्षाबलों और अलग-अलग अजेंसियों ने मिल-जुलकर यह सफलता प्राप्त की। मीडिया रेपोर्ट्स के अनुसार, मजदूरों को 60 मीटर के बचाव शॉफ्ट में स्टील के पाइप से बिना पहिये के स्ट्रेचर के जरिये निकाला गया। रेस्क्यू के दौरान ऑगर मशीन खराब होने के बाद रैट माइनर्स की मदद से खुदाई का कार्य पूरा किया गया। जिसके बाद NDRF के जवानों ने मजदूरों को सुरंग से बाहर निकाला। इस कारनामे के सबसे बड़े हीरो अर्नोल्ड डिक्स साबित हुए। जिन्होंने अपने वर्षों के भूमिगत सुरक्षा के अनुभव से इस रेस्क्यू मिशन को अंजाम तक पहुंचाया।
Arnold Dix : कौन हैं अर्नोल्ड डिक्स?
टनल में फंसे 41 मजदूरों को बचाने के लिए सरकार, सुरक्षाबलों, अजेंसियों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय टनल एक्सपर्ट अर्नोल्ड डिक्स ने भी मदद की। बता दें, अर्नोल्ड जिनेवा में इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन के चीफ हैं। उन्हें अंडरग्राउंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, बिल्डिंग्स और ट्रांसपोर्ट रिस्क के मामले में एक बेहतरीन विशेषज्ञ के तौर पर जाना जाता है। अर्नोल्ड को अपने कार्य क्षेत्र में प्रशंसनीय प्रदर्शन के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड्स से भी सम्मानित किया गया है।
इसके अलावा, अर्नोल्ड एक भूविज्ञानी, वकील और इंजीनियर और भी हैं। उन्होंने इन तीनों क्षेत्रों में भी डिग्रीयां हासिल की हुई हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से पूरी की है। हालांकि,अपने 30 सालों अधिक लंबे करियर में अर्नोल्ड डिक्स ने कई भूमिकाएं निभाई हैं, जिनमें अधिकतर भूमिगत सुरक्षा से जुड़े हुए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म लिंक्डइन में उनके प्रोफाइल अकाउंट के मुताबिक, वह 2016 से 2019 तक कतर रेड क्रिसेंट सोसाइटी (क्यूआरसीएस) में बतौर वॉलिंटियर काम किया है।