रोमन कैथोलिक के आर्कबिशप अनिल काउटो द्वारा दिल्ली के सभी पादरियों को लिखे गए एक विवादित पत्र ने राजनीति में भूचाल लाकर रख दिया है। 8 मई को लिखे गए पत्र में उन्होंने वर्तमान राजनीतिक हालात को अशांत करार देते हुए अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए दुआ करने की अपील की थी। पत्र में उन्होंने लिखा था कि 2019 अब नजदीक है और अब हमें नई सरकार मिलने वाली है, तो हमें अपने देश के लिए 13 मई से प्रार्थना शुरू करनी चाहिए और साथ ही हर शुक्रवार को उपवास करना चाहिए। क्योंकि राजनेताओं के लिए प्रार्थना करना हमारी पवित्र परंपरा है। माना जा रहा है कि पत्र के जरिए उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए देश की जनता से अपील की है कि 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार न बन पाए, इसके लिए दुआ करे।
राजनाथ सिंह की प्रतिक्रिया:-
उनके इस पत्र पर भाजपा की अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। उनके इस पत्र का केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने विरोध करते हुए कहा, कि हालांकि मैंने खत नहीं देखा है, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि भारत ऐसा देश है जहां पर अल्पसंख्यक पूरी तरह सुरक्षित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जाति और धर्म के आधार पर किसी के साथ भेदभाव की इजाजत नहीं दी जा सकती है।
गिरिराज सिंह का बयान:-
वहीं इस पर भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने कहा, कि हर क्रिया की एक प्रतिक्रिया होती है। लेकिन मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहूंगा जो सांप्रदायिक सद्भावना को किसी भी तरह से प्रभावित करे। लेकिन अगर चर्च लोगों से गुजारिश करता है कि आने वाले चुनाव में मोदी की सरकार न बने इसलिए वह प्रार्थना करें तो मैं उनसे यह कहना चाहता हूं कि देश में दूसरे धर्म के लोग भी हैं जो कीर्तन पूजा करते हैं।
अब्बास नकवी का बयान:-
वहीं केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी इस मामले में प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि प्रधानमंत्री धर्म और जाति से परे बिना भेदभाव सबके विकास के लिए काम कर रहे हैं। हम उन्हें (आर्क बिशव) सिर्फ प्रगतिशील सोच रखने के लिए कह सकते हैं।
शाइना एनसी की प्रतिक्रिया:-
तो वहीं इस मामले में आरएसएस विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि ये देश के लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता पर हमला है जो वेटिकन से नियंत्रित किया जा रहा है। इस बारे में बीजेपी की प्रवक्ता शाइना एनसी ने कहा, ‘विभिन्न जातियों और संप्रदायों को उकसाने की ये कोशिश बेहद गलत है। आप उन्हें यह कह सकते हैं कि सही प्रत्याशी/पार्टी के लिए वोट करें, लेकिन यह सुझाव देना कि किसी एक पार्टी को वोट दें, और दूसरी को नहीं, और फिर भी खुद को छद्म-धर्मनिरपेक्ष ताकतों के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष की संज्ञा देना दुर्भाग्यपूर्ण है।
फादर रॉड्रिग्स का बचाव:-
लेकिन भाजपा के विरोध प्रदर्शन के बीच फादर रॉड्रिग्स ने अनिल काउटो का बचाव करते हुए कहा है कि लेटर में ‘नई सरकार’ शब्द के इस्तेमाल की गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर चुनावों के बाद एक नई सरकार बनती है। चाहे नई पार्टी सरकार बनाए या पिछली पार्टी ही सरकार में वापस आए, सरकार नई ही बनती है।
अनिल काउटो ने क्या कहा था?
दिल्ली के आर्कबिशप अनिल काउटो ने अपने पत्र में भारत की राजनीतिक स्थिति को अशांत बताते हुए लिखा था, कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सभी चर्च के पादरियों को प्रार्थना करनी चाहिए और हर शुक्रवार को उपवास भी करना चाहिए।