पांच राज्यों में चुनावी नतीजों के आने के बाद EVM की विश्वसनीयता पर बहस छिड़ चुकी है जिसमें अब खुद समाजसेवी अन्ना हजारे भी कूद पड़े है। बुधवार की सुबह उन्होंने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा कि जहां एक तरफ हम देश को विकसित देशों की श्रेणी में लाने की बात कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हम दोबारा बैलेट पेपर पर जाने की बात कर रहे हैं। साथ ही अन्ना ने कहा कि चुनाव आयोग को चाहिए की EVM का इतेमाल करने की बजाय इससे आगे का विचार करे और एक पहल करते हुए टोटलाइजर मशीन को प्रयोग में लाए जिससे कि चुनाव में गतली अथवा धांधली की गुंजाइश न के बराबर हो जाए। जिसे लेकर मैंने कई बार चुनाव आयोग को इसकी सलाह दी, जिसे मानते हुए आयोग ने इस योजना को केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया लेकिन सरकार ने इस पर कोई प्रक्रिया नहीं दी थीं।
क्या है टोटलाइजर…..
टोटलाइजर मशीन के द्वारा अलग-अलग बूथों की गिनती की बजाय पूरे इलाके के वोट एक ही बार में गिने जा सकते हैं. इस मशीन के द्वारा गलती होने की गुंजाइश कम रहती है, वहीं कम समय में गिनती भी पूरी की जा सकती है.
मायावती, हरीश रावत सहित केजरीवाल ने उठाए EMC पर सवाल…..
चुनावी निर्णय आने के बाद सभी राजनीति पार्टिंयां ईवीएम मशीन के साथ हुए छेड़छाड़ को लेकर विरोधी पार्टियों पर जैसे तलवार से मयान निकालकर बैठें हुए है। बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती को यूपी चुनाव में मुंह को खाने के बाद चुनावी नतीजो पर सवालिया निशान लगाए थे, जिसमें उनके साथ कदम से कदम मिलाते अखिलेश यादव भी नजर आए। वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड में हार के बाद सीएम हरिश रावत ने कहा कि मोदी क्रांति और EVM के चमत्कार को सलाम करता हूं। इसी के साथ पंजाब में मिले करारी हार के बाद बौखलाए केजरीवाल ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान हमारी पार्टी जीत रही थी लेकिन हम कैसे हारे हमें नहीं पता? अगर इस प्रकार EVM से छेड़छाड़ होगी तो चुनाव कराने से क्या मतलब। जिसके बाद चुनाव आयोग ने सभी पार्टिंयों से कहा है कि अगर किसी को किसी प्रकार से दिक्कत है तो वह कोर्ट जा सकता है।
बता दें कि इसके पहले भी 2004 के चुनाव, 2009 में खुद बीजेपी ने EVM को लेकर सवाल खड़ा किया था। तमिलनाडू में AIADMK ने EVM की जगह बैलेट गन की मांग की थी।