Anna Hazare: दिल्ली की AAP सरकार के द्वारा लायी गयी नई आबकारी नीति 2022 पर मचे घमासान के बीच केजरीवाल सरकार पूरी तरह से घिर चुकी है। इस मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पर जहां सीबीआई की जांच की तलवार लटकी हुई है, वहीं बीजेपी लगातार उनकी गिरफ्तारी की मांग कर रही है। इस नई शराब नीति पर उपजे बवाल के बीच अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे की एंट्री हो गई है।

अन्ना हजारे ने दिल्ली की शराब नीति में घोटालों की खबर के बीच सीएम अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में अन्ना हजारे ने शराब नीति को लेकर केजरीवाल को जमकर फटकार लगायी है। अन्ना हजारे ने कहा कि आपकी सरकार ने लोगों के जीवन को बर्बाद करनेवाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनायी है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है।
Anna Hazare: अन्ना हजारे ने केजरीवाल को याद दिलाए पुराने वादे
अन्ना ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि जब 10 साल पहले 18 सितंबर 2012 को दिल्ली में टीम अन्ना के सदस्यों की मीटिंग हुई थी। उस वक्त AAP ने राजनीतिक रास्ता अपनाने की बात रखी थी, लेकिन आप भूल गए कि राजनीतिक पार्टी बनाना यह हमारे आंदोलन का उद्देश्य नहीं था।

उस वक्त टीम अन्ना के बारे में जनता के मन में विश्वास पैदा हुआ था, इसलिए उस वक्त मेरी सोच थी कि टीम अन्ना देशभर में घूमकर लोकशिक्षण, लोकजागृति का काम करना जरूरी था। अगर इस दिशा में काम होता तो कहीं पर भी शराब की ऐसी गलत नीति नहीं बनती।
Anna Hazare: आपकी कथनी और करनी में फर्क
अन्ना हजारे ने अपनी चिट्ठी में कहा कि सरकार किसी भी पार्टी की हो, सरकार को जनहित में काम करने पर मजबूत करने के लिए समान विचारधारा वाले लोगों का एक प्रेशर ग्रुप होना जरूरी था। अगर ऐसा होता, तो देश में अलग स्थिति होती और गरीबों को लाभ मिलता। हालांकि दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हो पाया। उसके बाद आप, मनीष सिसोदिया और आपके अन्य साथियों ने मिलकर पार्टी बनाई।

एक ऐतिहासिक आंदोलन का नुकसान करके जो पार्टी बन गयी, वह भी बाकी पार्टियों के रास्ते पर चलने लगी। यह बहुत दुख की बात है। सरकार ने लोगों के जीवन का जीवन बर्बाद करनेवाली, महिलाओं को प्रभावित करने वाली शराब नीति बनायी है। आपकी कथनी और करनी में फर्क है।
Anna Hazare: आदर्श राजनीति और व्यवस्था के विचार रखते थे केजरीवाल- अन्ना हजारे
अन्ना हजारे ने अपने पत्र में लिखा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत के लिए जो ऐतिहासिक और लोकायुक्त आंदोलन हुआ। उसमें लाखों की संख्या में लोग आए। उस वक्त आपने लोकायुक्त की जरूरत के बारे में मंच से बड़े-बड़े भाषण दिए। आदर्श राजनीति और व्यवस्था के बारे में विचार रखते थे, लेकिन दिल्ली के सीएम बनने के बाद आप लोकपाल और लोकायुक्त कानून को भूल गए। AAP की सरकार ने लोगों का जीवन बर्बाद करने वाली नीति बनायी है।
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