आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और कवि डॉ कुमार विश्वास ने एक बार फिर अपनी ही पार्टी और अपने नेता अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला है। विश्वास ने इस बार अपने बयान में पार्टी के नेतृत्व और फैसलों पर कई सवाल उठाये हैं। आपको बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही कुमार विश्वास ने एक वीडियो जारी किया था। जिसमे उन्होंने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा था कि भ्रष्टाचार ख़त्म करने के नाम पर बनी सरकार जब भ्रष्टाचार के मसलों पर चुप रहेगी तो लोग सवाल पूछेंगे।
कुमार विश्वास ने दिल्ली चुनावों में मिली हार का जिक्र करते हुए कहा है कि पार्टी ने गलत लोगों को टिकट दिया जिसके वजह से ऐसे नतीजे आये। पंजाब में भी हार की वजह यही थी कि वहां दूसरी पार्टी से आये नेताओं को टिकट दिया गया। पार्टी को हार के लिए ईवीएम को दोष देने के बजाय आत्मचिंतन करनी चाहिए। ईवीएम एक वजह हो सकती है लेकिन असली वजह यह है कि हम अपने कार्यकर्ताओं से कट गए थे। विश्वास ने कहा कि हम लोग जंतर-मंतर पर कांग्रेस, मोदी या ईवीएम के खिलाफ लड़ाई लड़ने के लिए नहीं बैठे थे।
विश्वास ने अपने बयान में यह भी कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पीएम पर निशाना साधना गलत था। वह देश के प्रधानमंत्री हैं और उन पर बार बार आरोप लगाना सही नहीं कहा जा सकता है। गौरतलब है कि केजरीवाल सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाने वालों में सबसे आगे थे और तो और उन्होंने इस बात का सबूत भी माँगा था। जिसके बाद सोशल मीडिया सहित देश भर में उनकी आलोचना हुई थी।
दिल्ली नगर निगम चुनावों में मिली हार और उसके बाद इस्तीफों की लगी झड़ी के बीच पार्टी नेतृत्व में बदलाव के सवाल पर कुमार ने कहा कि इस बारे में हम पार्टी मीटिंग में फैसला करेंगे। साथ ही यह भी जोड़ा कि संजय सिंह, दुर्गेश पाठक का इस्तीफा देना बहुत देरी से लिया गया एक्शन था। उन्होंने कहा कि गोपाल राय को दिल्ली का इनचार्ज बनाया गया था, लेकिन उनके साथ चुनाव के मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं की गई थी। सिर्फ पीएसी की बैठक के दौरान कुछ निर्देश दिये गये थे। कुल मिलाकर कहें तो नेतृत्व में बदलाव की जरुरत है।
यहाँ यह बताना दिलचस्प है कि इससे पहले भी कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की नीति और फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं। अपनी ही पार्टी के अन्दर अपने ही नेता पर बोलने वाले कुमार की यह सलाह निजी है और कडवी है लेकिन शायद लगातार कई चुनावों में हार का सामना कर चुकी आप के लिए कुमार की इन बातों पर गौर करना वक्त की मांग है। अब देखना है केजरीवाल और आप कुमार की इन बातों पर कितना ध्यान देते हैं और पार्टी में कितना परिवर्तन हो पाता है।