भारत और अमेरिका के बीच पहली बार हुई ‘2+2 डायलॉग’ के साथ ही दोनों देशों के बीच दोस्ती की नई इबारत लिखी जा रही है । दुनिया के दो शक्तिशाली देश अब आतंकवाद के खिलाफ साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके अलावा भारत को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। पहली बार अमेरिका ने हिंदुस्तान के सबसे बड़े दुश्मनों में से एक दाऊद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कबूली है । भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों पर जल्द ही शिकंजा कस सकता है।

2 प्लस 2 वार्ता में 1993 के मुंबई बम धमाके के दोषी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई। सहमति बनी कि दाऊद इब्राहिम को ढूंढ़ने में अमेरिका मदद करेगा। दाऊद के खिलाफ दोनों देश मिलकर सर्च अभियान चलाएंगे। फिलहाल दाऊद पाकिस्तान के कराची और इस्लामाबाद में रहता है, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इससे इनकार किया है। भारत की ओर से कई बार सबूत देने के बावजूद पाकिस्तान ने हर दलील को मानने से इनकार कर दिया।

दाऊद इब्राहिम को 2003 में ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया गया था। भारत के साथ ही वह अमेरिका के लिए भी मोस्ट वांटेड आतंकी है। अमेरिका ने उस पर 25 लाख डॉलर का ईनाम घोषित किया हुआ है। भारत की कोशिशों से ही संभव हो सका कि यूएई और ब्रिटेन ने उसकी संपत्ति भी जब्त कर ली. इसके अलावा भारत में भी उसकी संपत्ति की नीलामी की गई. इस ब। दाऊद के कई गुर्गे यूएई, दुबई में भी पकड़े गए जिससे उसके गैंग को तगड़ा झटका लगा।

ये फैसला इसलिए भी काफी अहम हो जाता है, क्योंकि दाऊद की कुछ संपत्तियां अमेरिका में भी हैं। अब अगर अमेरिका इनपर भी कार्रवाई करता है, तो ऐसे में ये चोट सीधे दाऊद को लगेगी। भारत और अमेरिका ने पाकिस्तान को ताकीद करते हुए कहा कि वह अपनी धरती का इस्तेमाल सीमापार आतंकी हमलों के लिए नहीं होने दे। साथ ही, पाकिस्तान से पूर्व में आतंकी हमलों के लिए दोषी अपराधियों के खिलाफ जल्द कानून कार्रवाई करने की मांग की गई।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो और रक्षामंत्री जिम मैटिस ने यहां टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा, “मंत्रियों ने क्षेत्र में किसी प्रकार के छद्म आतंकी हमले की भर्त्सना की और इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान से यह सुनिश्चत करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल दूसरे देशों पर आतंकी हमले करने के लिए न हो।”

मंत्रियों ने 2017 में आतंकियों के नाम पर द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने का स्वागत किया, कि अलकायदा, आईएसआईएस, लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-आई-तालिबान पाकिस्तान, डी-कंपनी और अन्य संबंधित संगठनों समेत आतंकी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करने में सहयोग को मजबूती मिलती है।

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