विश्वभारती विश्वविद्यालय के 100 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल संवाद किया था। विश्वविद्यालय चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच शांत निकेतन प्रशासन ने एक सूची जारी की है। इस सूची में विश्वविद्यालय की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा करने वालों के नाम थे। इस सूची में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का नाम भी था।
खबर सुनते ही अमर्त्य सेन ने इसपर अपनी सफाई पेश की है। विश्विद्यालय के इस आरोप को सेन ने पूरी तरह से खारिज किया है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार सेन ने कहा, उनके कब्जे में जो जमीन है, वह रिकॉर्ड में दर्ज है। पूरी जमीन लंबी अवधि के लीज पर है, जिसकी अवधि पूरा होने के आसपास भी नहीं है। सेन ने साथ ही यह भी कहा है कि विश्वभारती विश्वविद्यालय ने कभी भी उनके या उनके परिवार पर अवैध रूप से जमीन कब्जा करने का आरोप नहीं लगाया।
भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि नोबल विजेता और अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त अर्थशास्त्री को यह देखना चाहिए कि किसी की ओर से राजनीतिक लाभ के लिए उनका इस्तेमाल न हो। वैचारिक आधार पर हमारे मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने सेन से अपील करते हुए कहा कि विकास विरोधी ताकतों की ओर से उनका इस्तेमाल न होने पाए।
नोबेल विजेता अर्थशास्त्री ने कहा है कि, लीज के अतिरिक्त भूमि उनके पिता ने खरीदी थी जो फ्री होल्ड है और दस्तावेजों में मौजा सुरुल के तहत दर्ज हुई थी। विश्वभारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वीसी, विश्वविद्यालय की जमीन से कब्जा हटाने में जुटे हैं। सेन ने तंज करते हुए कहा कि शांतिनिकेतन की संस्कृति और विश्वविद्यालय के वीसी की संस्कृति में अंतर है।
अमर्त्य सेन ने कहा कि वीसी दिल्ली से नियुक्त हैं और वे पूरे बंगाल को नियंत्रित करना चाह रहे हैं। उन्होंने कहा है कि मौजूदा भारतीय कानूनों के इस्तेमाल को तरजीह देंगे। मानसिक मजबूती के लिए अपने घर की पुरानी तस्वीरों का सहारा लेंगे जो अवनीन्द्रनाथ टैगोर और अन्य कलाकारों ने बनाई हैं। गौरतलब है कि अमर्त्य सेन का जन्म साल 1933 में शांतिनिकेतन में ही हुआ था।
नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ मिला है। ममता बनर्जी ने विश्वभारती विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्जे के आरोप को गलत बताते हुए कहा कि ये आरोप निराधार हैं। उनके जैसे विश्व प्रसिद्ध व्यक्ति के लिए की जा रही यह साजिश निंदनीय है।