महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विचार करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई।  इस बैठक से पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मुंबई पहुंचे।  अमित शाह पल-पल इस आंदोलन पर नजर बनाए हुए हैं।  मराठा आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं के बाद।  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने मराठा आरक्षण के मुद्दे पर विचार करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया।

मराठा आंदोलन की धार देखने के बाद।  मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने सर्वदलीय बैठक में इसका हल खोजने का फैसला किया।  बैठक में बीजेपी के अलावा, कांग्रेस, एनसीपी के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।  मराठा आंदोलन की आंच बीजेपी सरकार पर ना आए, इसकी निगरानी के लिए खुद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह मुंबई पहुंचे हैं।  अमित शाह दिन भर मुंबई में ही रहकर।  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ संपर्क में रहेंगे।  साथ ही मंत्रियों और बीजेपी के नेताओं के साथ मंत्रणा भी करेंगे।

मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक।  महाराष्ट्र के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं।  इनमें कांग्रेस, बीजेपी और एनसीपी और शिवसेना के विधायक शामिल हैं।  महाराष्ट्र विधानसभा में 288 विधायक हैं।  जिनमें से 114 मराठा समुदाय से हैं।  मराठा प्रदर्शनकारियों ने सभी मराठा विधायकों और सांसदों से इस्तीफा देने की मांग की थी।

आंदोलनकारी अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत।  मराठा समुदाय के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 16 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रहे हैं।  ये मामला बॉम्बे हाईकोर्ट में लंबित है।  2014 में कांग्रेस-एनसीपी की सरकार ने।  मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।  इसके लिए पहली बार ‘इकनॉमिकली  बैकवर्ड कम्यूनिटी’ की कैटेगिरी बनाई गई।  इस तरह सूबे में कुल आरक्षण 51 प्रतिशत कोटा से ज्यादा हो गया था।  बाद में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर ये कहते हुए रोक लगा दी।  कि मराठाओं को पिछड़े वर्ग में नहीं गिना जा सकता।  अभी भी ये मामला अदालत में लंबित है।  और मराठा समुदाय चाहता है कि।  फड़नवीस सरकार आरक्षण की ऐसी व्यवस्था करे।  जिसे कोर्ट खारिज ना कर पाए।  और तब तक 72 हजार सरकारी नौकरियों की भर्ती पर रोक लगाई जाए।

                                                                                                                        —एपीएन ब्यूरो