देश में 2 जनवरी से कोरोना की कमर तोड़ने की खातिर कोरोना वैक्सीन लगाए जाने की प्रक्रिया की ड्राय रन की शुरुआत हो गई है। ड्राई रन का मकसद टीकाकरण के लिए सरकार की तैयारियों को परखना है। दिल्ली में इसका जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी पहुंचे। लेकिन  इस  बीच राजनेता कोरोना जैसे गंभार मुद्दे पर राजनीति करने से नहीं चूक रहे।  इसकी शुरुआत  समाजवादी पार्टी  के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने की है। अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा है कि मैं बीजेपी की कोरोना वैक्सीन को नहीं लगवाऊंगा। मुझे इनकी वैक्सीन पर भरोसा नहीं है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए अखिलेश ने भारत सरकार की कोरोना वैक्सीन को बीजेपी का वैक्सीन करार दिया।

अखिलेश इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार आएगी तो जनता को मुफ्त में कोरोना का टीका मुहैया कराया जाएगा। बता दें कि आज पूरे देश में कोरोना टीकाकरण के लिए पूर्वाभ्यास (ड्राई रन) चल रहा है। लेकिन इसी बीच आए अखिलेश यादव के बयान ने कोरोना वैक्सीन पर भी एक राजनीतिक बहस छेड़ दी है। अखिलेश के इस बयान पर  बीजेपी नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया  दी है। उत्तरप्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तो उनका उपहास उड़ा दिया।

https://twitter.com/kpmaurya1/status/1345316152608579585

अखिलेश यादव ने भले ही वैक्सीन को बीजेपी का करार दिया हो लेकिन केंद्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने लोगों से अपील की कि वे किसी भी तरह के अफवाहों पर ध्यान न दें। ड्राई रन की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि वैक्सीन की सुरक्षा को लेकर किसी अफवाह पर ध्यान न दें। सब कुछ जांच लिया गया है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि जब पोलियो के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू हुआ तो कई तरह की अफवाह फैली थी लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था।

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