भारतीय राजनीति में अब किसी भी पार्टी का अपनी विरोधी पार्टी तक के साथ राजनीतिक गठबंधन कर लेना कोई बड़ी बात नहीं है और अब तो 2019 चुनाव सिर पर ही है। जिसे देखते हुए बीजेपी और बाकी पार्टियां अभी से ही तैयारियों में जुट गई हैं। शायद इसी को देखते हुए विपक्ष भी अब एक जुट होने लगी है। विपक्ष की एकता के लिए पहले जहां सोनिया गांधी, ममता बनर्जी और राजद पहले भी कोशिश करते रहें हैं वहीं अब इस कोशिश में बसपा सुप्रीमो मायावती भी शामिल हो गई हैं।
दरअसल कल देर शाम बहुजन समाज पार्टी के ट्विटर हैंडल से एक पोस्टर ट्वीट करके विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश की गई। बीएसपी के इस पोस्टर में पहली बार मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव नजर आए। इस पोस्टर में बीएसपी सुप्रीमो मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, आरजेडी नेता लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, जेडीयू के बागी शरद यादव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तो हैं, लेकिन राहुल गांधी नहीं हैं। इस पोस्टर में लिखा है, ”सामाजिक न्याय के समर्थन में विपक्ष एक हो।”
वहीं पोस्टर में अखिलेश यादव के दिखाए जाने पर बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आधिकारिक बयान जारी कर इस पोस्टर को फर्जी बताया है। सतीश चंद्र मिश्रा ने बसपा के इस ट्विटर अकाउंट को ही फर्जी बता दिया और कहा यह हमारा अकाउंट नहीं है।
गौरतलब है कि 27 अगस्त को पटना में लालू प्रसाद यादव की राजद ने विपक्ष को एकजुट करने के मकसद से एक बड़ी रैली का आयोजन कर रखा है। इसमें बड़े विपक्षी नेताओं की एकजुटता एक मंच पर तय है। इस रैली में अखिलेश यादव भी शिरकत करने पहुंच रहे हैं और इसी सिलसिले में बीएसपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक पोस्टर जारी किया है।
हालांकि इस पोस्टर में भले ही मायावती और अखिलेश यादव साथ में नजर आ रहे हैं पर मायावती इस रैली में नहीं पहुंचेंगी और उनकी जगह बीएसपी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्रा इस रैली में शामिल हो सकते हैं।