भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने गुरुवार (19 मई 2025) को आयोजित CII बिजनेस समिट को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा, आत्मनिर्भरता और भविष्य की सैन्य रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए इसे बदलते युद्ध के स्वरूप का उदाहरण बताया और कहा कि इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को भविष्य में किस दिशा में बढ़ना है।
‘प्राण जाए पर वचन न जाए…एक बार कमिटमेंट कर दिया’: सेना की प्रतिबद्धता पर दिया जोर
एयर चीफ मार्शल सिंह ने भारत की रक्षा नीति और सेना की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा,”हमने हिंदुस्तान का कमिटमेंट दुनिया के सामने दोहराया है। प्राण जाए पर वचन न जाए यही हमारा एक मात्र लक्ष्य है।”
उन्होंने यह भी कहा कि भारत की सेनाएं अपने वचनों पर अडिग रहती हैं और अपने कमिटमेंट को हर हाल में निभाती हैं। इस संदर्भ में उन्होंने अभिनेता सलमान खान की फिल्म का मशहूर डायलॉग उद्धृत करते हुए कहा, “एक बार कमिटमेंट कर दिया, तो फिर अपने आप की भी नहीं सुनता।“
‘Whole of Nation’ अप्रोच पर जोर
उन्होंने कहा कि युद्ध अब अकेली फौज की नहीं, बल्कि पूरे देश की रणनीति से लड़ा जाता है। “हमने Whole of Nation अप्रोच से युद्ध जीता और अब यही अप्रोच डिफेंस फोर्सेस को मजबूत करने में इस्तेमाल होगी। हमें Whole of Nation मिशन मोड में काम करना होगा।”
टेक्नोलॉजी, डिज़ाइन और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि वायुसेना भविष्य के लिए नई तकनीकों को खोज रही है। उन्होंने AMCA (Advanced Medium Combat Aircraft) प्रोजेक्ट में प्राइवेट इंडस्ट्री की भागीदारी को मंजूरी दिए जाने को एक ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा, “आज देश को निजी उद्योग पर भरोसा है और यह भविष्य के बड़े बदलावों का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत में सिर्फ उत्पादन नहीं, डिज़ाइन और विकास की क्षमता को भी आत्मनिर्भरता के लिए बढ़ावा देना होगा। जब देश की रक्षा जरूरतों के लिए घरेलू क्षमता बढ़ेगी, तभी देश पूरी तरह से आत्मनिर्भर बन पाएगा।”
वायुसेना की केंद्रीय भूमिका
एयर चीफ ने यह भी स्पष्ट किया कि चाहे थल सेना हो या जल सेना, वायुसेना की भूमिका हर सैन्य ऑपरेशन में अहम होती है। वायु सेना प्रमुख ने कहा “हम जो भी ऑपरेशन करते हैं, वह वायुसेना के बिना संभव नहीं। ऑपरेशन सिंदूर ने भी यह सिद्ध कर दिया है।”